न्यायलय ने कहा, “आरोपी को रेप के लिए जिम्मेदार ठहराने के लिए ये सुबूत कम हैं”, कोर्ट ने आरोपी को किया बरी-

Estimated read time 1 min read

 37 वर्षीय शख्स पर आरोप था कि उसने एक नाबाल‍िग लड़की के साथ रेप और मारपीट की थी.  न्यायलय ने इस पर कहा, “आरोपी को रेप के लिए जिम्मेदार ठहराने के लिए ये सुबूत कम हैं.”

सेशन कोर्ट (Session Court) ने माहिम इलाके के रहने वाले एक शख्‍स को बलात्कार और मारपीट के एक मामले में बरी कर द‍िया जबकि मेडिकल जांच रिपोर्ट कर रहा था अपराध की पुष्टि.

केस डिटेल-

37 वर्षीय शख्स पर आरोप था कि उसने एक नाबाल‍िग लड़की के साथ रेप और मारपीट की थी. वह अपने दोस्त और उसके परिवार के साथ माहिम में करीब आठ सालों से रह रहा था. और अपने दोस्त के गुजर जाने के बाद उसने ये सब किया.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, अप्रैल 2017 को एक दिन जब मृतक की 14 वर्षीय बेटी दिन के समय घर पर अकेली थी. तब उस शख्स ने उसके साथ रेप किया था. पीड़िता ने कहा कि उसने जब इस बारे में अपनी मां को बताया, तो पहले उन्होंने उस पर विश्वास नहीं किया. लेकिन कुछ दिनों बाद उस शख्स ने फिर से वही जघन्य अपराध किया. उसने पीड़िता को धमकी भी दी और कहा कि वह इस बारे में अपनी मां को यह बात न बताए. पीड़िता ने 2018 तक अपनी मां को इस बारे में नहीं बताया. लेकिन बाद में उसने अपनी मां को पूरी बात बताई और माहिम पुलिस स्टेशन में उस शख्स के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई.

दूसरी तरफ अपने बचाव में शख्स ने आरोपों से इनकार किया और दावा किया कि उसके दोस्त की पत्नी और बेटी दोनों को ही उसका वहां रहना पसंद नहीं था, जिसके चलते उन्होंने झूठा आरोप लगाया.

ALSO READ -  रेप और अबॉर्शन के याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि यौन स्वायत्तता का उपयोग करने वाली महिला ने अपने प्रजनन अधिकारों के उल्लंघन के लिए भी सहमति दे दी है-

निर्णय –

केस की सुनवाई करते हुए स्पेशल जज कल्पना पाटिल ने कहा कि मामले में अभियोजन पक्ष लड़की की उम्र साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं ला सका कि वह रेप के समय नाबालिग थी या नहीं. इसके अलावा पीड़िता ने रेप की घटनाओं की तारीखें भी नहीं बताई थीं और न ही उन घटनाओं का अनुमानित समय बताया था.

रेप की घटना के दिन, तारीख, समय के बारे में पीड़िता की मां का बयान भी अदालत को अस्पष्ट लग रहा था. मां ने अदालत को बताया था कि पीड़िता अप्रैल 2017 में वर्सोवा में काम कर रही थी. अदालत ने कहा, ”पीड़िता के बयान के मुताबिक रेप की घटना दिन में हुई थी, फिर सवाल उठता है कि वह घर में कैसे मौजूद थी? जबकि वह उस समय नौकरी कर रही थी.”

पीड़िता की जांच करने वाली डॉक्टर ने कोर्ट को बताया कि लड़की की मेडिकल जांच में संभोग के तो सबूत मिले हैं, लेकिन उसके शरीर पर कोई भी बाहरी चोट नहीं थी. न्यायलय ने इस पर कहा, “आरोपी को रेप के लिए जिम्मेदार ठहराने के लिए ये सुबूत कम हैं.”

You May Also Like