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अंतरिम राहत देने के लिए न्यायालय की शक्ति U/s. 9 मध्यस्थता अधिनियम, CPC में हर प्रक्रियात्मक प्रावधान की कठोरता से कम नहीं: SC

सुप्रीम कोर्ट ने देखा है कि मध्यस्थता और सुलह अधिनियम की धारा 9 के तहत अंतरिम राहत देने की न्यायालय की शक्ति सिविल प्रक्रिया संहिता में प्रत्येक प्रक्रियात्मक प्रावधान की कठोरता से कम नहीं है। न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति ए [more…]

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SC ने हाई कोर्ट के निष्कर्षों को माना अतार्किक, कहा ट्रायल कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए HC को मजबूत और ठोस कारण बताना चाहिए-

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ऐसे मामले में जहां अभियोजन पक्ष के गवाहों की गवाही के बीच स्पष्ट विरोधाभासों के कारण बरी कर दिया गया है, ऐसे फैसले को पलटने के लिए कोर्ट को मजबूत और ठोस कारण बताना चाहिए। [more…]

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सुप्रीम कोर्ट ने IPC U/S 307 की सजा को खारिज करते हुए कहा: अदालतें अभियुक्त के बचाव को सरसरी तौर पर स्वीकार/अस्वीकार नहीं कर सकतीं –

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि निचली अदालतों को किसी आरोपी व्यक्ति के बचाव पर सावधानी से विचार करना चाहिए और आगे कहा कि इस तरह के बचाव की स्वीकृति या अस्वीकृति सरसरी तौर पर नहीं की जानी चाहिए। शीर्ष अदालत [more…]

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दिल्ली हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए ट्रायल कोर्ट द्वारा ब्रूटल रेप & मर्डर केस में सजा को बदलने पर कड़ा एतराज जताया-

दिल्ली उच्च न्यायालय Delhi High Court ने सर्वोच्च न्यायालय Supreme Court द्वारा निर्धारित कानून की एक स्थिति को दोहराया और कहा कि ट्रायल कोर्ट Trail Court खुद ‌दिए गए आजीवन कारावास के दंड को शेष प्राकृतिक जीवन के ‌लिए तय करने [more…]

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Allahabad High Court: जजों, कोर्ट स्टाफ को बेईमान व संविधान का हत्यारा बताने वाला कोर्ट लिपिक गिरफ्तार, नैनी जेल से होगा पेश-

इलाहाबाद उच्च न्यायलय ने बुलंदशहर की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में लिपिक रहे विक्रम शर्मा के खिलाफ आपराधिक अवमानना का आरोप निर्मित कर चार दिन में सफाई मांगी है। नैनी केंद्रीय कारागार से पेश शर्मा पर आरोप है कि उसने प्रधानमंत्री, भारत के [more…]

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा: अदालतों को किसी मामले के सभी मुद्दों पर न्यायिक निर्णय देना चाहिए न कि सिर्फ एक मुद्दे पर-

सर्वोच्च न्यायलय ने मंगलवार एक मामले कि सुनवाई करते हुए निचली अदालतों को आगाह किया कि मामलों का फैसला करने में शॉर्टकट की मानसिकता से बचें। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि निचली अदालतो द्वारा [more…]

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हाई कोर्ट: आरोपी का वकील अदालत के सामने पेश नहीं होता है तो, निचली अदालत आरोपी के लिए एक वकील नियुक्त करने के लिए बाध्य है-

अदालत ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 13 (2) राज्य को मौलिक अधिकारों को छीनने वाले किसी भी कानून को बनाने से रोकता है। इस संदर्भ में, अदालत ने कहा कि POCSO Act की धारा 33(5) की निचली अदालत की व्याख्या [more…]

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सुप्रीम कोर्ट ने जिरह की प्रक्रिया अचानक स्थगित करने का संज्ञान लिया और कहा कि ऐसा करने से न्याय वाधित होता है-

सर्वोच्च अदालत ने जिरह की प्रक्रिया अचानक स्थगित करने का संज्ञान लिया और कहा कि इससे ऐसे हालात पैदा होते हैं जिससे निजी गवाह मुकर जाते हैं। साथ ही कोर्ट ने कहा कि तय समय में आरोपपत्र का संज्ञान नहीं लेने [more…]

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इलाहाबाद हाई कोर्ट: क्या गैर-संज्ञेय अपराधों में मजिस्ट्रेट चार्जशीट का संज्ञान ले सकता है? जानिए विस्तार से-

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने माना है कि Cr.P.C. सीआरपीसी की धारा 2 (डी) के मद्देनजर, जहां गैर-संज्ञेय अपराध शामिल हैं, मजिस्ट्रेट पुलिस द्वारा दायर आरोप पत्र का संज्ञान नहीं ले सकते, इसके बजाय इसे शिकायत के रूप में माना जाना चाहिए। [more…]

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इलाहाबाद हाईकोर्ट का निचली अदालतों को यह निर्देश कि – जमानत आदेशों में आवेदकों के आपराधिक इतिहास का पूरा विवरण दिया जाये

Allahabad High Court इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को निचली अदालतों को निर्देश दिया कि वे आवेदकों/अभियुक्तों के आपराधिक इतिहास, यदि कोई हो, का पूरा विवरण दें या यदि कोई आपराधिक इतिहास नहीं है तो इस तथ्य को रिकॉर्ड करें कि [more…]