इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक अधिवक्ता के चैम्बर से एक लड़की के अपहरण के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस को प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
अदालत ने कहा कि अदालत के समक्ष एक मामले में याचिकाकर्ता लड़की का उच्च न्यायालय परिसर में चैम्बर से अपहरण कर लिया गया था।
हाई कोर्ट ने कहा-
“यह बहुत ही आश्चर्यजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है कि हाईकोर्ट के सामने बदमाशों ने लड़की को वकील के चैंबर से जबरदस्ती अगवा कर लिया।”
लड़की 20 अप्रैल को अदालत में आई थी, जब एकल-न्यायाधीश न्यायमूर्ति उमेश कुमार ने पहले के एक आदेश के माध्यम से मामले को तय करने के लिए उसकी व्यक्तिगत उपस्थिति की मांग की थी।
जब मामला उठाया गया तो अदालत को बताया गया कि करीब 20 बदमाशों ने याचिकाकर्ता के वकील के चैंबर को घेर लिया और उसे जबरदस्ती ले गए।
न्यायलय ने नोट किया, “यद्यपि आज न्यायालय के समक्ष याचिकाकर्ताओं की व्यक्तिगत उपस्थिति के लिए न्यायालय का एक विशिष्ट निर्देश था लेकिन याची के विद्वान अधिवक्ता द्वारा सूचित किया जाता है कि आज प्रतिवादी क्रमांक 4 की मिलीभगत से 20 से अधिक बदमाशों ने उनके कक्षों को घेर लिया है और याचिकाकर्ता श्रीमती अंकिता मिश्रा का उनके कक्ष से जबरन अपहरण कर लिया है।”
अदालत ने पुलिस से कहा कि वह त्वरित कार्रवाई करे और लड़की को कोर्ट में पेश करे।
विवाद याचिकाकर्ता की हिरासत के संबंध में था, और पिछले अवसर पर, प्रतिवादियों में से एक ने अदालत को सूचित किया था कि उसे दूसरी याचिकाकर्ता द्वारा अपहरण कर लिया गया था। इसके बाद प्रतिवादी द्वारा गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।
उक्त को ध्यान करते हुए, न्यायमूर्ति ने तथ्यों को निर्धारित करने के लिए उनकी उपस्थिति की मांग की थी।
“अपहरण की घटना की सूचना मिलने पर अदालत ने उस पर अविश्वास जताया।“
जबकि द्वितीय याचिकाकर्ता को आवश्यक कार्रवाई के लिए अधिकारियों के पास एक उपयुक्त आवेदन दायर करने की अनुमति दी गई थी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, प्रयागराज / पुलिस अधीक्षक, जौनपुर को प्राथमिकता के आधार पर मामले की जांच करने का निर्देश दिया गया।
केस टाइटल – अंकिता मिश्रा और अन्य बनाम स्टेट ऑफ़ यूपी और अन्य
केस नंबर – – WRIT – C No. – 7816 of 2022
कोरम – न्यायमूर्ति उमेश कुमार