सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के साइक्लोस्टाइल पैटर्न पर दिए आदेश पर जताई निराशा, बिना मेरिट एफआईआर रद्द करने का था मामला-

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सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के साइक्लोस्टाइल पैटर्न पर दिए आदेश पर जताई निराशा, बिना मेरिट एफआईआर रद्द करने का था मामला-कोर्ट ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से तत्काल याचिका को दूसरी पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया था।

सर्वोच्च न्यायलय Supreme Court ने उत्तराखंड उच्च न्यायलय High Court of Uttarakhand के उस फैसले पर रोक लगा दी है जिसमें एक याचिका में एक धोखाधड़ी के मामले में एफआईआर FIR No. 17 of 2022 dated 24.02.2022 registered with Police Station Mukteshwar, District Nainital, Uttarakhand for the offence punishable under Section 420 IPC. को रद्द कर दिया गया था। कोर्ट ने कहा कि न्यायाधीश ने मामले की योग्यता पर नजर डालने की जहमत नहीं उठाई और आदेश जारी कर दिया।

न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी व न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि ऐसे आदेश की सराहना नहीं की जा सकती। पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से मामले को किसी अन्य न्यायाधीश के समक्ष सूचीबद्ध करने का अनुरोध करते हुए फिर हाईकोर्ट में बहाल किया।

पीठ ने अपने हालिया आदेश में उत्तराखंड पुलिस को अपीलकर्ता हर्ष आर किलाचंद और अन्य के खिलाफ आठ सप्ताह तक कोई दंडात्मक कार्रवाई न करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही अंतरिम सुरक्षा के लिए अपीलकर्ता को हाईकोर्ट का रुख करने की स्वतंत्रता दी गई है।

हाईकोर्ट के कई फैसलों का किया उल्लेख-

अपीलकर्ता की ओर से पेश हुईं वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने हाईकोर्ट की एकल पीठ की ओर से रिट याचिका को निस्तारित करते हुए पारित किए गए विभिन्न आदेशों का उल्लेख किया। पीठ ने कहा कि चार अप्रैल 2022 को हाईकोर्ट की ओर से संविधान की धारा 226 के तहत पारित आदेश की हम सराहना नहीं कर सकते हैं।

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सुप्रीम कोर्ट ने लगाई आदेश पर रोक-

पीठ ने अपील को अनुमति देते हुए कहा कि इस आदेश पर रोक लगाई जाती है और आपराधिक रिट याचिका को उत्तराखंड हाईकोर्ट की फाइल पर फिर से बहाल किया जाता है। कोर्ट ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से तत्काल याचिका को दूसरी पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया था। हम उम्मीद करते हैं कि याचिका पर कानून के अनुसार इसकी योग्यता के अनुसान सुनवाई होगी।

Consequently, the appeal is allowed. The order impugned dated 04.04.2022 is hereby set-aside and the Criminal Writ Petition No. 514/2022 is restored on the file of the High Court of Uttarakhand and to be heard on its own merits, in accordance with law.

केस टाइटल – हर्ष आर किलाचंद और अन्य बनाम उत्तराखंड राज्य और अन्य
केस नंबर – सीआरएल अपील नंबर: 886/2022
कोरम – न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी व न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना

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