शीर्ष कोर्ट ने राघव चढ्ढा से कहा की आप पहले भी छह बार माफी मांग चुके हैं, आप सभापति से बिना शर्त माफी मांगें

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यदि याची (राघव) सभापति से बिना शर्त माफी मांगते हैं तो सभापति उस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा से कहा है कि वह प्रवर समिति विवाद में निलंबन को लेकर सभापति जगदीप धनखड़ से मिलकर बिना शर्त माफी मांगे। इससे एक रास्ता निकल सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभापति राघव चड्ढा के सबसे कम उम्र का सदस्य होने व पहली बार सांसद बनने को देखते हुए – निलंबन मामले में सहानुभूतिपूर्वक विचार कर सकते हैं।

जानकारी हो की दिल्ली की सेवाओं से संबंधित विधेयक को प्रवर समिति को भेजे जाने की मांग पर कुछ सदस्यों की सहमति के बगैर उनके नाम प्रस्ताव में लिखने के आरोप में चड्ढा को राज्यसभा से निलंबित किया गया है।

सीजेआइ डॉ डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला व जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष जब मामला सुनवाई के लिए आया तो सरकार की ओर से पेश अटार्नी जनरल ने कहा कि शुक्रवार को विशेषाधिकार समिति के समक्ष भी मामले की सुनवाई होनी है। तभी सीजेआई ने कहा कि उन्होंने पिछली सुनवाई पर निलंबन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, इससे निकल सकता है रास्ता राघव चड्ढा पर राज्यसभा सभापति सहानुभूतिपूर्वक कर सकते हैं विचार भी कहा था कि यदि याची (राघव) सभापति से बिना शर्त माफी मांगते हैं तो सभापति उस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर सकते हैं।

पीठ ने पूछा, राघव चढ्ढा से कहा की आप पहले भी छह बार माफी मांग चुके हैं। क्या आप सभापति से मिलकर बिना शर्त माफी मांगेंगे ?’ इस पर चड्ढा के वकील ने कहा कि चड्ढा को माफी मांगने में कोई दिक्कत नहीं है। राघव चड्ढा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट आदेश पर मैंने राज्यसभा के माननीय सभापति से मिलने का समय मांगा है।

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