कार्यकाल के आज आखिरी दिन CJI न्यायमूर्ति एनवी रमणा ने कहा – I Am Sorry…, और कहा कोर्ट में उत्तर भारत के वकील चिल्लाकर बहस करते हैं-

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भारत के सर्वोच्च न्यायलय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमणा के कार्यकाल का आज आखिरी दिन रहा. उन्होंने अपने आखिरी समारोह पीठ में कहा कि मुझे खेद है कि मैं मामलों की लिस्टिंग और पोस्टिंग पर अधिक ध्यान केंद्रित नहीं कर सका. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमणा ने कहा – I Am Sorry… आई एम सॉरी… इस दौरान सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे तो ऐसे भावुक हुए कि कई मिनटों तक उनके आंसू रुक ही नहीं पाए. जस्टिस एनवी रमणा अपने कार्यकाल में कई मायनों में याद रखे जाएंगे.

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमणा ने कोर्ट में वकीलों के बहस करने के तरीके को लेकर बड़ी टिप्पणी की है. चीफ जस्टिस ने कहा कि कोर्ट में उत्तर भारत के वकील चिल्लाकर बहस करते हैं तो वहीं दक्षिण भारत के वकील आराम से और शांति से बहन करते हैं. गुरूवार को एक मामले पर सुनवाई कर रहे जस्टिस एनवी रमना ने यह टिप्पणी की.

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमणा के कार्यकाल का आज अंतिम दिन है.इस मौके पर एनवी रमना की अध्यक्षता वाली सेरेमोनियल बेंच के सामने लगे मामलों की लाइव-स्ट्रीमिंग की गई. बता दें कि मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना के कार्यकाल का आज आखिरी दिन है और अंतिम दिन को चिह्नित करने के लिए ऐसा किया गया. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमणा ने अपने कार्यकाल में जल्दी सुनवाई के लिए मुकदमों को सूचीबद्ध करवाने पर ध्यान केंद्रित न कर पाने के लिए अपनी आखिरी समारोह पीठ में क्षमा मांगी. CJI ने कहा कि I Am Sorry… आई एम सॉरी… मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमणा ने समारोह पीठ को संबोधित करते हुए कहा कि सोलह महीनों में सिर्फ पचास दिन ही प्रभावी और पूर्णकालिक सुनवाई कर पाया हूं, कोविड के कारण कोर्ट पूरी तरह काम नहीं कर पाया, लेकिन उन्होंने पूरी कोशिश की कि सुप्रीम कोर्ट का कामकाज चलता रहे.

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इससे पहले मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमणा ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के कर्मचारियों के काम की तारीफ की. उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत के कर्मचारी एक अदृश्य शक्ति हैं, जो न्याय देने में संस्था की मदद करते हैं. न्यायमूर्ति रमना ने कोविड-19 महामारी के प्रकोप के दौरान सर्वोच्च न्यायालय के कर्मचारियों के योगदान की सराहना की, जिसके चलते शीर्ष अदालत एक दिन का भी अवकाश लिए बिना लगातार काम करना जारी रख सकी. उच्चतम न्यायालय कर्मचारी कल्याण संघ द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में न्यायमूर्ति रमना ने कहा कि पिछले 16 महीनों से भारत के प्रधान न्यायाधीश और आठ वर्ष तक शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में काम करने का उनका अनुभव अद्भुत रहा है.

प्रधान न्यायाधीश ने ये भी कहा था कि एक समय शीर्ष अदालत के 500 कर्मचारी एक दिन में कोविड-19 से संक्रमित मिले थे. यह एक भयावह स्थिति थी. आप सभी ने घातक महामारी के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया. आपने यह सुनिश्चित किया कि उच्चतम न्यायालय एक दिन का अवकाश लिए बिना काम करता रहे. यह संस्था के प्रति आपके समर्पण का प्रतीक है. आप सभी को मेरा सलाम. ” न्यायमूर्ति रमना ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कर्मचारियों की जायज चिंताओं को दूर करने की पूरी कोशिश की.

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