तिहाड़ जेल में यूनिटेक का भूमिगत ऑफिस, मिली भगत वाले जेल अधिकारियों की जांच व् निलंबन – शीर्ष अदालत

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शीर्ष अदालत Supreme Court ने तिहाड़ जेल Tihad Jail के उन अधिकारियों के खिलाफ जांच करने का आदेश दिया है जिन्होंने यूनिटेक UNITECH के पूर्व प्रमोटरों के साथ मिलीभगत कर जेल में ही उन्हें ऑफिस खोलने की सुविधा दी थी।

संजय चंद्रा और अजय चंद्रा ने तिहाड़ जेल में रहने के दौरान एक गुप्त भूमिगत ऑफिस खोला था जहां से लेनदेन सहित कई कार्य निपटाए जा रहे थे। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना की सीलबंद रिपोर्ट के आधार पर यह आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि चंद्रा और तिहाड़ जेल अधिकारियों की मिलीभगत में जो भी शामिल था उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाए।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने 26 अगस्त को दिल्ली पुलिस कमिश्नर को ईडी की रिपोर्ट के आधार पर तिहाड़ जेल स्टाफ के खिलाफ जांच करने का निर्देश दिया।

दिल्ली पुलिस आयुक्त द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आलोक में पीठ ने बुधवार 6-10-2021 को आदेश दिया कि जिन अधिकारियों को यूनिटेक के आरोपियों के साथ प्रथम दृष्टया मिलीभगत में शामिल पाया गया उन्हें जांच के लिए निलंबित कर दिया जाए। पीठ को यह भी बताया गया कि संलिप्त कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया गया।

सुप्रीम कोर्ट का पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश-

इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने तिहाड़ जेल के उन अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया, जिनके खिलाफ पुलिस आयुक्त अस्थाना की रिपोर्ट के आधार पर मामले दर्ज किए जाएंगे। इसके अलावा अदालत ने गृह मंत्रालय को आदेश दिया कि वह कैदियों के प्रबंधन को लेकर राकेश अस्थाना की रिपोर्ट में दी गई सलाह पर भी गौर करे।

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ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का किया था खुलासा-

कोर्ट ने यूनिटेक कंपनी से जुड़े एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हिरासत में लिए गए चंद्र बंधुओं को तिहाड़ से मुंबई की तलोजा जेल में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने यह आदेश प्रवर्तन निदेशालय की एक जांच रिपोर्ट में यह पता चलने के बाद दिया था कि तिहाड़ जेल के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से वे कई अवैध गतिविधियों में शामिल हैं।

ज्ञात हो की इसी साल अगस्त में यूनिटेक के पूर्व निदेशकों को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने सुप्रीम कोर्ट में आश्चर्यजनक खुलासा किया था। एजेंसी ने बताया था कि उसने तिहाड़ जेल में एक गुप्त भूमिगत कार्यालय का पता लगाया है जिसका संचालन रमेश चंद्रा द्वारा किया जा रहा था।

चंद्रा पिता-पुत्र और यूनिटेक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच कर रही ईडी ने कहा था कि संजय और अजय दोनों जेल के भीतर से खुलेआम अपने अधिकारियों से संपर्क करते रहे। वे उन्हें निर्देश देते रहे और अपनी संपत्तियों से संबंधित मामले निपटाते रहे हैं।

जांच में सामने आए तथ्यों पर सुनवाई करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक के पूर्व प्रर्वतकों संजय चंद्रा और अजय चंद्रा को दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल से मुंबई के ऑर्थर रोड जेल व तलोजा जेल भेजने का आदेश दिया था। साथ ही कोर्ट ने दिल्ली पुलिस आयुक्त से कहा था कि वह मामले में मिलीभगत को लेकर तिहाड़ जेल के अधिकारियों के आचरण की तत्काल व्यक्तिगत रूप से जांच शुरू करें।

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