सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती संस्थानों के लिए दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के भाग 3 के तहत शक्तियां केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा प्रशासित,राज्य सरकारों या जिला मजिस्ट्रेटों या पुलिस आयुक्तों को नहीं सौंपी ये शक्तियां-
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने आज सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और सभी केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों को एक पत्र लिखा है जिसमें ये स्पष्ट किया गया है कि सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती संस्थानों के लिए दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के भाग 3 के तहत शक्तियां केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा प्रशासित हैं। पत्र में ये भी रेखांकित किया गया है कि ये शक्तियां राज्य सरकारों या जिला मजिस्ट्रेटों या पुलिस आयुक्तों को नहीं सौंपी गई हैं।
ये भी अनुरोध किया गया है कि इस जानकारी को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सभी संबंधित व्यक्तियों के ध्यान में लाया जाए।
इस पत्र के माध्यम से भाग-3 के तहत नियमों के प्रावधानों को फिर से स्पष्ट किया गया है जो डिजिटल समाचारों और सम-सामयिक मुद्दों के प्रकाशकों और ऑनलाइन प्रदर्शित सामग्री (ओटीटी प्लेटफॉर्म) के प्रकाशकों से संबंधित हैं। ये पत्र कहता है कि ये नियम ऐसी आचार संहिता मुहैया कराते हैं जिसका पालन डिजिटल समाचार प्रकाशकों और ओटीटी सामग्री के प्रकाशकों को करना है, जिसमें उम्र आधारित पांच तरह के वर्गीकरण भी शामिल हैं। इसके अलावा, इन नियमों के मुताबिक एक तीन-स्तरीय शिकायत निवारण तंत्र की भी आवश्यकता होगी जिसमें प्रकाशक (स्तर-1), प्रकाशकों द्वारा गठित स्व-नियमन निकाय (स्तर-2) और सरकार का निगरानी तंत्र (स्तर-3) शामिल होंगे और एक समयबद्ध शिकायत निपटान तंत्र होगा। अंत में इन नियमों के अनुसार प्रकाशकों को सरकार के समक्ष सूचना प्रस्तुत करनी होगी और सार्वजनिक दायरे में शिकायत निवारण के बारे में जानकारी का समय-समय पर खुलासा करना होगा।
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती संस्थानों के लिए दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 को 25 फरवरी, 2021 को अधिसूचित किया गया था।
उल्लेखनीय है कि नियमों के तहत डिजिटल समाचार और ओटीटी सामग्री मुहैया कराने वालों को एक आचार संहिता का पालन करना होगा। इसमें सामग्री को उम्र आधारित पांच तरह के वर्गीकृत करना और यह सुनिश्चित करना शामिल है कि वह वर्ग इस सामग्री तक पहुंच बना पाए। इसके अलावा, इन नियमों के मुताबिक एक तीन-स्तरीय शिकायत निवारण तंत्र बनाना होगा। इसमें प्रकाशक, प्रकाशकों द्वारा गठित स्व-नियमन निकाय और सरकार का निगरानी तंत्र शामिल होंगे। शिकायतों का समयबद्ध निपटान करना होगा। नियमों के अनुसार प्रकाशकों को सरकार के समक्ष सूचना प्रस्तुत करनी होगी और सार्वजनिक दायरे में शिकायत निवारण के बारे में जानकारी का समय-समय पर खुलासा करना होगा।