सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर याचिका में गुरुवार को कहा कि जम्मू में गिरफ्तार में लिए गए रोहिंग्या शरणार्थियों को तय प्रक्रियाओं का पालन किए बगैर म्यांमार प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता है-
- जम्मू में रह रहे रोहिंग्या लोगों को कोई राहत नहीं-
- सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के आदेश पर स्टे नहीं लगाया-
- रोहिंग्या शरणार्थी सलीमुल्ला की याचिका पर फैसला,किया याचिका खारिज
ND : गुरुवार को चीफ़ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रह्मण्यम की पीठ ने दायर उस याचिका पर यह आदेश पारित किया जिसमें जम्मू में हिरासत में लिए गए रोहिंग्या शरणार्थियों को फौरन रिहा करने और उन्हें म्यांमार प्रत्यर्पित करने से रोकने के लिए केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
![](https://jplive24.com/wp-content/uploads/2021/04/images-2-3-edited.jpg)
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने इन शरणार्थियों को तत्काल कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया और याचिका को खारिज कर दिया।
ज्ञात हो कि यह याचिका रोहिंग्या शरणार्थी सलामुल्ला द्वारा अधिवक्ता प्रशांत भूषण द्वारा दायर की गई थी।
केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि 2018 में ऐसी ही याचिका असम में ख़ारिज हो चुकी है।
वहीं याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि रोहिंग्या बच्चों की हत्या कर दी जाती है और उन्हें यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है।