इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नाबालिग का जबरन धर्म परिवर्तन कराने के आरोपी मौलवी की जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
अदालत आवेदक की ओर से तत्काल जमानत अर्जी इस प्रार्थना के साथ प्रस्तुत की गई है कि मुकदमा अपराध संख्या 74/2024, धारा 504 व 506 आईपीसी तथा धारा 3/5(1) उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021, थाना नौबस्ता, जिला कानपुर नगर में विचारण के दौरान उसे जमानत पर रिहा किया जाए पर सुनवाई कर रही थी।
न्यायमूर्ति समीर जैन की पीठ ने कहा, “…मैं इस स्तर पर आवेदक को जमानत पर रिहा करने के लिए इच्छुक नहीं हूं।”
विद्वान अधिवक्ता श्री एस.एस. त्रिपाठी और अधिवक्ता श्री राकेश कुमार मिश्रा को आवेदक और राज्य की ओर से विद्वान एजीए-I डॉ. एस.बी. मौर्या ने पचा रखा।
संक्षिप्त तथ्य-
वर्तमान मामले में आवेदक मौलवी सैयद शाद काजमी उर्फ मोहम्मद शाद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी और एफआईआर के अनुसार आवेदक मस्जिद में मौलवी है और उसने मुखबिर के मानसिक रूप से विक्षिप्त नाबालिग बेटे को बहला-फुसलाकर उसका धर्म परिवर्तन कराकर उसे जबरन मदरसे में रखा।
कोर्ट ने कहा कि इस तथ्य पर विचार करते हुए कि आवेदक मस्जिद में मौलवी है और उस पर विशेष आरोप है कि उसने मुखबिर के मानसिक रूप से विक्षिप्त नाबालिग बेटे का जबरन धर्म परिवर्तन कराया और मुखबिर के बेटे ने भी धारा 161 सीआरपीसी के तहत दर्ज अपने बयान में उसके खिलाफ यही कहा है और आवेदक फरवरी, 2024 से ही जेल में है, वह इस स्तर पर आवेदक को जमानत पर रिहा करने के लिए इच्छुक नहीं है।
तदनुसार, कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी।
वाद शीर्षक – मौलवी सैयद शाद काजमी @ मोहम्मद शाद बनाम उत्तर प्रदेश राज्य
वाद नंबर – CRIMINAL MISC. BAIL APPLICATION No. – 13628 of 2024