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POCSO ACT: क्यों कब और कैसे बना बच्चों के यौन संरषण का हथियार, अब होगी फांसी की सजा, जाने विस्तार से-

साक्षी केस SAKSHI CASE के बाद से ही पोक्सो अधिनियम POCSO ACT की नीव पड़ी जब सुप्रीम कोर्ट ने बाल यौन अपराधों से निपटने में भारतीय दण्ड संहिता INDIAN PENAL CODE को अपर्याप्त पाया- सुप्रीम कोर्ट SUPREME COURT ने साक्षी केस [more…]

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संविधान का अनुच्छेद 142 या सर्वोच्च न्यायालय का साधन जिसके दायरे और नियमों के तहत पेरारिवलन रिहा हुआ-

सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गए कई न्यायिक निर्णयों के पश्चात् पुनः अनुच्छेद 142 की सार्थकता का मुद्दा उभर आया- भारत के सर्वोच्च न्यायालय Supreme Court ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी ए जी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश [more…]

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सुप्रीम कोर्ट: वेश्यावृति अपराध नहीं एक पेशा, सेक्स वर्करों और उसके ग्राहक के खिलाफ पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर सकती-

भारत के सर्वोच्च कोर्ट ने वेश्यावृत्ति को अपराध नहीं वरन एक पेशा माना है। यह पहली बार है जब देश के शीर्ष अदालत की ओर से वेश्यावृत्ति को लेकर इस तरह का आदेश दिया गया है। कोर्ट ने साफ कहा कि [more…]

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Cheque Bounce Cases: सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ते चेक अनादर मामले को देखते हुए दिया विशेष कोर्ट बनाने का आदेश-

शीर्ष अदालत Supreme Court ने चेक बाउंस Cheque Bounce Cases के बढ़े हुए मामले को सुनने के लिए विशेष कोर्ट Special Court बनाने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने पांच राज्यों- महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, दिल्ली और यूपी के पांच जिलों में [more…]

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हाईकोर्ट ने लगाई बैंक को फटकार: महज 31 पैसा बकाया रहने पर SBI ने किसान को नहीं दी NOC-

गुजरात हाईकोर्ट Gujrat High Court ने भारतीय स्टेट बैंक State Bank of India को कड़ी फटकार लगाई है. बैंक ने एक किसान पर मात्र 31 पैसे बकाया रहने पर नो ड्यूज का प्रमाण पत्र जारी नहीं किया था. ये मामला गुजरात [more…]

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इलाहाबाद हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय: नोटिस पर डिजिटल सिग्नेचर करने भर से उसे जारी नहीं माना जा सकता-

Notice जारी होने के लिए पेपर या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के माध्यम से आयकरदाता को नोटिस भेजा जाना जरूरी- इलाहाबाद हाईकोर्ट Allahabad High Court ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि नोटिस Notice पर डिजिटल हस्ताक्षर Digital Signature करने भर से [more…]

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संविधान का ‘आर्टिकल 355’ क्या है? जिसे बंगाल में लागू करने की मांग हो रही है, ‘आर्टिकल 356’ यानी राष्ट्रपति शासन से अलग क्या है?

आर्टिकल 355 राज्य की कानून व्यवस्था में केंद्र को दखल करने का अधिकार देता है- पश्चिम बंगाल के बीरभूम में जारी हिंसा के बीच कांग्रेस ने राज्य में आर्टिकल 355 लागू करने की मांग की है। लोकसभा में कांग्रेस के सांसद [more…]

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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि: जमानती अपराधों के मामलों में नहीं दी जा सकती है अग्रिम जमानत-

कोर्ट ने कहा कि याची पर गैर-जमानती अपराध करने का आरोप होना चाहिए, जो पहले से मौजूद तथ्यों से उपजा हुआ हो। याचिकाकर्ता के मन में उचित आशंका या विश्वास होना चाहिए कि उसे इस तरह के आरोप के आधार पर [more…]

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इलाहाबाद हाई कोर्ट: बिना सुनवाई GST निर्धारित कर ब्याज सहित पेनाल्टी वसूलना, नैसर्गिक न्याय का उल्लघंन, लगाया 10 हजार का हर्जाना-

Allahabad High Court इलाहाबाद हाईकोर्ट ने Goods and Service Tax के तहत टैक्स निर्धारण Tax Assessment और पेनाल्टी Penality लगाने से पहले सुनवाई का मौका न देने को नैसर्गिक न्याय का उल्लघंन माना है। साथ ही ब्याज सहित टैक्स और पेनाल्टी [more…]

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा: अदालतों को किसी मामले के सभी मुद्दों पर न्यायिक निर्णय देना चाहिए न कि सिर्फ एक मुद्दे पर-

सर्वोच्च न्यायलय ने मंगलवार एक मामले कि सुनवाई करते हुए निचली अदालतों को आगाह किया कि मामलों का फैसला करने में शॉर्टकट की मानसिकता से बचें। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि निचली अदालतो द्वारा [more…]