सीबीआई CBI को पूर्व जज की संपत्ति और उनके बैंक खातों की जांच के बाद आय से 165 फीसदी अधिक संपत्ति मिली है, महाभियोग से बाल-बाल बचे थे रिटायर्ड न्यायमूर्ति
इलाहाबाद उच्च न्यायलय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एसएन शुक्ला से उनके सेवानिवृत से पहले ही सारे न्यायिक अधिकार छीन लिए गए थे। उन्हें केसों की सुनवाई से अलग कर दिया गया था। इसके साथ जब 2018 में जांच शुरू हुई तो वे जांच के दौरान ही 90 दिन के अवकाश पर भी चले गए थे।
न्यायमूर्ति एसएन शुक्ला पर आरोप है कि लखनऊ खंडपीठ में एक केस की सुनवाई करते हुए उन्होंने 2017-18 के शैक्षणिक वर्ष में छात्रों को प्रवेश देने के लिए निजी कॉलेजों को अनुमति दे दी थी। जबकि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही उस पर रोक लगा दी थी। उनका यह कदम सीजेआई CJI की अगुवाई वाली पीठ के पारित आदेश का उल्लंघन था।
उनके खिलाफ दो शिकायतें सीजेआई को मिली थीं। जिसमें से पहली राज्य के महाधिवक्ता और दूसरी इन हाउस समिति की तरफ से आई थी। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि जस्टिस शुक्ला ने न्यायिक जीवन के मूल्यों को अपमानित करने और न्यायाधीश के तौर पर अशोभनीय काम किया है। इसके बाद ही उनके खिलाफ जांच प्रक्रिया शुरू हो गई थी। 2018 में जांच के दौरान ही वह 90 दिन की छुट्टियों पर भी चले गए थे।
इसके बाद उन्हें लखनऊ बेंच से इलाहाबाद उच्च न्यायलय स्थानांतरित कर दिया गया था। वह जुलाई 2020 में सेवानिवृत्त हुए। इलाहाबाद से ही उन्हें सेवा से अंतिम विदाई दी गई लेकिन सेवानिवृत्त से पहले उनके सारे अधिकार छीन लिए गए थे।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति CJI के आदेश पर उनसे सभी न्यायिक कार्यों को वापस ले लिया गया था। अन्य कार्यों को करने से भी मना कर दिया गया था।
रिटायर्ड न्यायमूर्ति एसएन शुक्ला पर हाईकोर्ट के अपने पांच साल के कार्यकाल (2014-19) के दौरान आय से अधिक संपत्ति बनाने का आरोप है। पूर्व जज व उनकी पत्नी सुचित्रा तिवारी पर आय के ज्ञात स्रोत से अधिक कथित रूप से 2.45 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। जानकारी के मुताबिक, सीबीआई CBI को पूर्व जज की संपत्ति और उनके बैंक खातों की जांच के बाद आय से 165 फीसदी अधिक संपत्ति मिली है।
देश के राजधानी दिल्ली में भी दर्ज हुआ मुकदमा-
आरोप है कि पूर्व जज ने अपनी दूसरी पत्नी सुचिता तिवारी के नाम पर करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी खरीदी है। इसमें फ्लैट और खेती शामिल है। यही नहीं आरोप है कि उन्होंने अपने साले के नाम पर भी लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी में एक विला खरीदा है। सीबीआई ने अपनी FIR में रिटायर जस्टिस एसएन शुक्ला के साथ उनकी पत्नी सुचिता तिवारी और साले को नामजद किया है. यह मुकदमा दिल्ली में दर्ज किया गया है।
न्यायमूर्ति एसएन शुक्ला पर पहले भी लगे आरोप-
जानकारी हो कि न्यायमूर्ति एसएन शुक्ला इलाहाबाद हाईकोर्ट से जुलाई 2020 में रिटायर हुए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पूर्व जज के खिलाफ भ्रष्टाचार का यह दूसरा मामला है। इससे पहले 4 दिसंबर 2019 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश एसएन शुक्ला और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया था। उन पर लखनऊ स्थित एक मेडिकल कॉलेज के पक्ष में पैसे लेकर आदेश देने का केस दर्ज किया गया था।
महाभियोग से बाल-बाल बचे थे-
मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट की इन-हाउस जांच में भी न्यायमूर्ति एसएन शुक्ला द्वारा किए गए भष्टाचार का खुलासा हुआ था। भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने 2018 में उनके ऊपर महाभियोग की सिफारिश की थी। हालांकि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अपने कार्यकाल में रिटायर न्यायमूर्ति एसएन शुक्ला के ऊपर महाभियोग नहीं लगाया गया था।