सुप्रीम कोर्ट की महत्वपूर्ण टिप्प्णी: अधिग्रहण और मुआवजा चुकाने के बाद जमीन पूरी तरह सरकार की, भू स्वामी का कोई दावा शेष नहीं रह जाता है-

Estimated read time 1 min read

सुप्रीम कोर्ट Supreme Court ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास संबंधित भूमि पर कब्जे का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि अधिग्रहण के बाद भूमि पूरी तरह राज्य का हिस्सा हो चुकी है।

शीर्ष अदालत Supreme Court याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा की अगर सरकार किसी जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया के तहत मुआवजा देकर कब्जा ले लेती है तो फिर उस जमीन पर भू स्वामी का कोई दावा शेष नहीं रह जाता है । ऐसी जमीन पर यदि वह कब्जा करता है तो इसे अवैध माना जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सही करार दिया है।

न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की अवकाशकालीन पीठ उत्तर प्रदेश निवासी एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें 2 फरवरी को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण Greater Noida Pradhikaran के नोटिस को चुनौती दी गई थी। प्राधिकरण ने संबंधित व्यक्ति को जमीन के एक हिस्से से अपना अतिक्रमण हटाने के लिए कहा था।

सर्वोच्च कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता की जमीन का अधिग्रहण 1996 में ही हो चुका है, कब्जा लिया जा चुका है और 1894 के भूमि अधिग्रहण कानून के मुताबिक मुआवजा भी चुकाया जा चुका है। यूपी सरकार U P Government ने बताया कि राजस्व अभिलेखों में भी स्वामित्व बदला जा चुका है। इसके बावजूद याचिकाकर्ता ने उस जमीन पर अतिक्रमण कर रखा है।

कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास संबंधित भूमि पर कब्जे का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि अधिग्रहण के बाद भूमि पूरी तरह राज्य का हिस्सा हो चुकी है।

ALSO READ -  CrPC u/s 451 के तहत संबंधित आपराधिक अदालत का दरवाजा खटखटाए बिना सीधे HC का दरवाजा खटखटाना उचित नहीं: SC ने जब्त किए गए वाहन को छोड़ने की याचिका खारिज कर दी

इस मामले में हस्तक्षेप से इन्कार कर हाईकोर्ट High Court ने सही फैसला दिया है और हम हाईकोर्ट द्वारा व्यक्त किए गए विचारों से पूरी तरह सहमत हैं। यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।

You May Also Like