POCSO ACT: कानूनन 16 साल से कम उम्र की लड़की के खिलाफ बलात्कार अपराध में जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान मुखबिर की उपस्थिति अनिवार्य – हाई कोर्ट

POCSO ACT: कानूनन 16 साल से कम उम्र की लड़की के खिलाफ बलात्कार अपराध में जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान मुखबिर की उपस्थिति अनिवार्य – हाई कोर्ट

कर्नाटक हाई कोर्ट Karnataka High Court ने हाल ही में व्यवस्था दी थी कि बलात्कार के मामलों में, यदि पीड़िता की आयु 16 वर्ष से कम है, तो आरोपी द्वारा दायर जमानत अर्जी पर आदेश पारित करने से पहले उसकी बात सुनी जानी चाहिए।

न्यायमूर्ति एचपी संदेश ने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता (Cr.P.C.) की धारा 439(1ए) के तहत 16 साल से कम उम्र की लड़की के खिलाफ बलात्कार के अपराध के संबंध में जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान मुखबिर की उपस्थिति अनिवार्य है।

कोर्ट ने कहा, “कानून कहता है कि जब पीड़ित की उम्र 16 साल से कम हो, तो पीड़ित/शिकायतकर्ता/सूचना देने वाले को आदेश देने से पहले एक मौका दिया जाना चाहिए।”

कोर्ट ने आगे कहा कि कानून के अनुसार, यह घटना के समय उत्तरजीवी की आयु प्रासंगिक है और शिकायत दर्ज करने की तिथि पर उम्र नहीं है।

This Court would like to refer to the judgment of the Apex Court in the case of RAMESH BHAVAN RATHOD v. VISHANBHAI HIRABHAI MAKWANA (KOLI) AND ANOTHER reported in (2021) 6 SCC 230, wherein the Apex Court has held that the Court has to look into the seriousness and gravity of the offence committed and severity of punishment in the event of conviction.

इसलिए अदालत ने एक आरोपी की जमानत इस आधार पर रद्द कर दी कि निचली अदालत ने जमानत आदेश पारित करने से पहले पीड़िता को सुनवाई का मौका नहीं देकर गलती की।

अदालत ने आदेश दिया कि जमानत आदेश को रद्द किया जाए और आरोपी को गिरफ्तार कर हिरासत में भेजा जाए।

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केस टाइटल – SMT. LALITHA vs State of Karnataka & Others
केस नंबर – CRIMINAL PETITION NO.7143/2021
कोरम – न्यायमूर्ति एचपी संदेश

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