याचिका में एडवोकेट ने सुप्रीम कोर्ट Supreme Court को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के एडवोकेट मेंबर्स को प्रॉक्सिमिटी कार्ड जारी करने का निर्देश देने की भी मांग की है, जो प्रॉक्सिमिटी कार्ड का लाभ उठाना चाहते हैं.
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख Jammu Kashmir & Laddakh में बार काउंसिल Bar Council की स्थापना की मांग पर सुप्रीम कोर्ट Supreme Court ने नोटिस जारी किया है. बार काउंसिल ऑफ इंडिया Bar Council of India समेत अन्य पक्षकारों से अदालत ने चार सप्ताह में जवाब तलब किया है. याचिका में तर्क दिया गया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पूरी कानूनी बिरादरी के पास कोई स्थापित सरकारी निकाय नहीं है जहां वे खुद को नामांकित कर सकें और भारत के अन्य राज्यों की तुलना में बार काउंसिल का लाभ उठा सकें.
याचिका में कहा गया, “यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि वर्तमान में कानूनी बिरादरी के सदस्य जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की सदस्यता लेते हैं और उनकी सभी शिकायतों को उपरोक्त बार एसोसिएशन द्वारा निपटाया जाता है, लेकिन “दरबार मूव” की प्रणाली के कारण सदस्य कानूनी बिरादरी को विभिन्न कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण उनके लिए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में प्रैक्टिस करना मुश्किल हो जाता है.”
यह तर्क देते हुए कि राज्य काउंसिल की अनुपलब्धता के कारण एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने के लिए प्रॉक्सिमिटी कार्ड के लिए आवेदन करने से वंचित हैं.याचिका में एडवोकेट ने सुप्रीम कोर्ट को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के एडवोकेट मेंबर्स को प्रॉक्सिमिटी कार्ड जारी करने का निर्देश देने की भी मांग की है, जो प्रॉक्सिमिटी कार्ड का लाभ उठाना चाहते हैं.
एडवोकेट सुप्रिया पंडिता ने अपनी याचिका में आगे कहा कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया Bar Council of India ने 6 फरवरी, 2017 को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कहा कि उसने जम्मू-कश्मीर राज्य बार काउंसिल नियमों को मंजूरी दे दी है, लेकिन इसके बावजूद, बीसीआई BCI ने स्टेट बार काउंसिल State Bar Council की स्थापना के लिए कोई प्रयास नहीं किया. याचिका एओआर ओम प्रकाश परिहार के जरिए दायर की गई है.