सुप्रीम कोर्ट ने यौन उत्पीड़न केस में खारिज की सरकार की मांग, कहा न्यायाधीश के अनुरोध पर बढ़ाया जाएगा ट्रायल का समय-

Estimated read time 1 min read

उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने मलयालम एक्ट्रेस यौन उत्पीड़न मामले में ट्रायल पूरी करने में केरल सरकार द्वारा और अधिक समय की मांग किए जाने की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया.

केरल हाई कोर्ट ने बीते शनिवार को दिलीप की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तारी से राहत दे दी थी. हालांकि, अदालत ने दिलीप और चार अन्य आरोपियों को पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच के सामने पेश होने का आदेश भी दिया था.

देश की सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को कहा कि यदि निचली अदालत के न्यायाधीश ने आग्रह किया तो वह मलयालम अभिनेता दिलीप और अन्य आरोपियों से संबंधित मामले की सुनवाई पूरी करने का समय बढ़ाने पर विचार करेगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि केरल सरकार के अनुरोध पर ऐसा नहीं किया जाएगा।

शीर्ष अदालत ने 2017 में एक अभिनेत्री के कथित अपहरण और हमले के मामले में सुनवाई पूरी करने के लिए समय बढ़ाने का आग्रह करने वाली राज्य सरकार के आवेदन का निस्तारण करते हुए यह टिप्पणी की।

सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को कहा कि यदि निचली अदालत के न्यायाधीश ने आग्रह किया तो वह मलयालम अभिनेता दिलीप और अन्य आरोपियों से संबंधित मामले की सुनवाई पूरी करने का समय बढ़ाने पर विचार करेगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि केरल सरकार के अनुरोध पर ऐसा नहीं किया जाएगा।

शीर्ष अदालत ने 2017 में एक अभिनेत्री के कथित अपहरण और हमले के मामले में सुनवाई पूरी करने के लिए समय बढ़ाने का आग्रह करने वाली राज्य सरकार के आवेदन का निस्तारण करते हुए यह टिप्पणी की।

ALSO READ -  Law की छात्रा का यौन उत्पीड़न, हाईकोर्ट ने आरोपित अधिवक्ता को जारी की नोटिस, BCI ने लगाई प्रैक्टिस पर रोक

न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने केरल सरकार के आवेदन का निपटारा करते हुए निचली अदालत के न्यायाधीश को यह स्वतंत्रता दी कि यदि आवश्यक हो तो समय बढ़ाने के लिए वह रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

पीठ ने कहा, “हम इस संबंध में मामले पर उचित विचार करने के लिए इसे निचली अदालत के विवेक पर छोड़ते हैं।”

फरवरी 2017 में, आठ आरोपियों ने एक मलयालम फिल्म अभिनेत्री का कथित तौर पर अपहरण कर उनके साथ छेड़छाड़ की थी। पूरी घटना कथित तौर पर एक चलती गाड़ी में हुई थी और अभिनेत्री को कथित तौर पर ब्लैकमेल करने के लिए घटना का वीडियो बनाया गया था।

पी गोपालकृष्णन उर्फ दिलीप को बाद में भारतीय दंड संहिता और सूचना और प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के प्रावधानों के तहत कथित अपराधों के लिए दर्ज प्राथमिकी के संबंध में गिरफ्तार किया गया था और आरोपी के रूप में पेश किया गया था।

दिलीप द्वारा पहले दायर एक याचिका पर, शीर्ष अदालत ने नवंबर 2019 में फैसला सुनाया था जिसमें उसने निचली अदालत को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि मामले में सुनवाई तेजी से पूरी हो, संभव हो तो ऐसा फैसले की तारीख से छह महीने के भीतर किया जए।

सोमवार को सुनवाई के दौरान केरल सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि उन्होंने एक आवेदन दायर कर सुनवाई पूरी करने का समय छह महीने और बढ़ाने का आग्रह किया है।

आरोपी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने राज्य के आवेदन का विरोध किया और कहा कि यह विभिन्न तरीकों से मुकदमे में देरी कराने का प्रयास है।

ALSO READ -  अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा- 22 जनवरी को गैर-उपस्थिति के लिए कोई प्रतिकूल आदेश पारित न किया जाए: नई दिल्ली बार एसोसिएशन ने न्यायिक अधिकारियों से किया अनुरोध

वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा, “पहला तरीका सुनवाई कर रहे न्यायाधीश को बदलने के लिए कहना था। इसे उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने अस्वीकार कर दिया था।” उन्होंने कहा कि सरकारी वकील ने इस्तीफा दे दिया था तथा आगे और समय ले लिया गया था।

उन्होंने तर्क दिया कि राज्य मामले में “मीडिया ट्रायल कर रहा है।” रोहतगी ने कहा कि चार बार पहले ही यह बढ़वाया जा चुका है।

पीठ ने कहा, ‘‘श्री रोहतगी, हम राज्य के कहने पर समय बढ़ाने का आदेश पारित नहीं करेंगे। यदि न्यायाधीश चाहें तो वह रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकते हैं और उचित निर्देश मांग सकते हैं।’’

राज्य के वकील Sate Government Council ने कहा कि अगर किसी ने कुछ सबूत दिए हैं और उसकी जांच नहीं की गई तो काम अधूरा रह जाता है।

नवंबर 2019 के अपने फैसले में, शीर्ष अदालत ने माना था कि मेमोरी कार्ड या पेन ड्राइव की सामग्री इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड है और इसे भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत “दस्तावेज़” के रूप में माना जाना चाहिए।

दिलीप को जुलाई 2017 में गिरफ्तार किया गया था और उसी साल तीन अक्टूबर को उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया था। मामले में सात अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था।

You May Also Like