सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम के लिस्ट को पुनरावलोकन के लिए केंद्र सरकार ने वापस भेजा-

Central government of India केंद्र सरकार को अभी 12 जजों की नियुक्ति पर फैसला लेना बाकी है।

Supreme Court of India सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम ने चार हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए 12 नामों का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा था।

हालांकि, अलग-अलग समय पर सरकार ने इन नामों पर पुर्नविचार के लिए कोलेजियम के पास वापस भेज दिया था। इनमें पांच नाम कोलकाता हाईकोर्ट, तीन जम्मू कश्मीर और दो-दो कर्नाटक और इलाहाबाद हाईकोर्ट के लिए था।    

कोलेजियम ने इन नामों को फिर से भेजा

अलग-अलग हाईकोर्ट High Court की कोलेजियम ने पिछले दो से चार साल के बीच इन 12 नामों की सिफारिश की थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी मंजूरी देते हुए इसे कानून मंत्रालय Central law Ministry के पास भेज दिया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने इन 12 नामों पर पुर्नविचार के लिए कोलेजियम को भेजा था। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि मार्च से सितंबर के बीच सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय कमेटी ने फिर से इन नामों को दोहराया है। यही कारण है कि अब तक इन नामों पर केंद्र सरकार की तरफ से कोई फैसला नहीं हो पाया है। 

हाईकोर्ट कोलेजियम करती है सिफारिश

नियम के मुताबिक, हाईकोर्ट कोलेजियम जज बनने लायक उम्मीदवारों के नाम कानून मंत्रालय के पास भेजती है। मंत्रालय इसमें इंटेलीजेंस ब्यूरो व अन्य जांच रिपोर्ट के साथ सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम के पास भेजती है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट इनमें से कुछ नामों पर विभिन्न हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए सरकार से सिफारिश करती है।

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जजों की नियुक्तियां लगातार हो रहीं

शनिवार को सात सीनियर अधिवक्ताओं को गुजरात हाईकोर्ट के जज के रूप में नियुक्त किया गया। इससे पहले 14 अक्तूबर को चार अधिवक्ताओं समेत सात को तीन अलग-अलग हाईकोर्ट में जज बनाया गया। 11 अक्तूबर को तीन अधिवक्ताओं और दो ज्यूडिशियल अफसरों को राजस्थान हाईकोर्ट का जज बनाया गया।

नौ अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम के आधार पर आठ जजों को अलग-अलग हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस के रूप में तैनात किया गया और पांच चीफ जस्टिस का ट्रांसफर किया गया।

इसके अलावा 11 अक्तूबर को सात जजों को दो अलग-अलग हाईकोर्ट में ट्रांसफर किया गया। पांच अक्तूबर को देश के अलग-अलग 11 हाईकोर्ट में 15 जजों का ट्रांसफर हुआ।

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