सुप्रीम कोर्ट: उपभोक्ता आयोग में सुनी जा रहीं शिकायतें, भारत के संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायलय में स्थानांतरित नहीं हो सकती-

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Supreme Court सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उपभोक्ता शिकायतें हाईकोर्ट में स्थानांतरित नहीं की जा सकतीं।

न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यम की खंडपीठ ने उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और नई दिल्ली में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोगों में दायर कुछ उपभोक्ता शिकायतों को स्थानांतरित करने की मांग वाली यस बैंक की याचिकाओं को खारिज कर दिया।

अदालत ने कहा, “उपभोक्ता शिकायतें उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत दायर की जाती हैं इसलिए, ऐसी उपभोक्ता शिकायतों को भारत के संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करते हुए उच्च न्यायालय में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता। नतीजतन, उपभोक्ता शिकायतों के हस्तांतरण के अनुरोध को अस्वीकार किया जाता है।”

बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले तक बाकी मामले स्थगित YES BANK यस बैंक ने इलाहाबाद, दिल्ली व मद्रास हाईकोर्ट में लंबित मामलों के भी हस्तांतरण का आग्रह किया था।

शीर्ष अदालत ने कहा, इसी तरह के अन्य मामलों में बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश का इंतजार करें, तब तक बाकी हाईकोर्ट उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत आयोगों में सुनवाई स्थगित रख सकते हैं। आदेश आने पर दाखिल होती हैं, जो उनका क्षेत्राधिकार है। ब्यूरो मेरिट के आधार पर निर्णय किया जा सकता है।

विस्तार कोर्ट ने यस बैंक की एक याचिका की सुनवाई के दौरान कही। याचिका में यस बैंक ने उत्तर प्रदेश, दिल्ली और उत्तराखंड के जिला आयोगों में उपभोक्ताओं की शिकायतें हाईकोर्ट को हस्तांतरित करने की मांग की थी। बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले तक बाकी मामले स्थगित

यस बैंक ने इलाहाबाद, दिल्ली व मद्रास हाईकोर्ट में लंबित मामलों के भी हस्तांतरण का आग्रह किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, इसी तरह के अन्य मामलों में बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश का इंतजार करें, तब तक बाकी हाईकोर्ट उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत आयोगों में सुनवाई स्थगित रख सकते हैं। आदेश आने पर दाखिल होती हैं, जो उनका क्षेत्राधिकार है।

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केस टाइटल – यस बैंक लिमिटेड बनाम 63 मून्स टेक्नोलॉजीज लिमिटेड
केस नंबर – टी.पी.(सी) 968-971 ऑफ़ 2020 1 फरवरी 2022
कोरम – न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यम

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