शीर्ष अदालत ने पटाखे और आतिशबाजी बनाने वाली सात निर्माता कंपनियों को भेजा नोटिस, पटाका बनाने में प्रतिबंधित बेरियम का करते है उपयोग-

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शीर्ष अदालत SUPREME COURT OF INDIA ने पटाखे और आतिशबाजी बनाने वाली सात निर्माता कंपनियों को कोर्ट की अवमानना का नोटिस भेजा है।

सर्वोच्च न्यायालय ने इन कंपनियों को अगली सुनवाई में अपना पक्ष रखने के लिए एक और मौका भी दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 6 अक्टूबर 2021 को होगी।

न्यायालय ने सुनवाई के दौरान कहा कि पटाखों की वजह से अस्थमा और अन्य रोगों से पीड़ित लोगों को परेशानी होती है। हर त्योहार और समारोह में पटाखे जलाए जाते हैं और लोग परेशान होते रहते हैं. लेकिन किसी को कोई लेना-देना नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी सीबीआई की वकील की उस दलील पर दी, जिसमें कहा गया कि रिपोर्ट पर अदालत गौर करे. सुप्रीम कोर्ट 6 अक्टूबर को मामले की सुनवाई करेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने आतिशबाजी और पटाखों पर पाबंदी और ग्रीन पटाखों पर सीबीआई की रिपोर्ट में दर्ज तथ्यों को काफी गंभीर माना है। रिपोर्ट छुपाने के लिए कोर्ट ने पटाखा निर्माताओं को जिम्मेदार माना है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि आप त्योहार का उत्सव मनाना चाहते हैं. हम भी मनाना चाहते हैं लेकिन किस कीमत पर ये भी हमें सोचना होगा।

सुनवाई के दौरान एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि उनका एक बेटा भी अस्थमा से परेशान रहता है. वो भी इसी शहर में रहते हैं. किसी दूसरे ग्रह से नहीं टपके हैं।

पटाका निर्माता कंपनियों ने किया घोर उल्लंघन-

सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति बोपन्ना की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि पिछले साल हमने अपने आदेश का उल्लंघन करने की घटनाओं पर सीबीआई CBI जांच का आदेश दिया था। सीबीआई की प्रारंभिक जांच में पटाखा निर्माताओं द्वारा किए गए कई उल्लंघनों का पता चला ।

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कच्चे माल RAW MATERIAL और पटाखों CRACKERS के विभिन्न नमूने एकत्र किए गए और विश्लेषण के लिए भेजे गए. जिसमें यह पाया गया कि कई निर्माता प्रतिबंधित बेरियम BARIUM का उपयोग कर रहे हैं जिसमें अदालत ने पूर्व में ही प्रतिबंधित घोषित कर दिया था।

जांच में यह भी पाया गया कि पटाखों के निर्माण के लिए उनके उपयोग पर प्रतिबंध के बावजूद निर्माताओं द्वारा भारी मात्रा में बेरियम खरीदा गया. यह भी पाया गया है कि पटाखों पर लेबल भ्रामक थे। रासायनिक संरचना और निर्माण की तारीख भी शामिल नहीं थी।

लेकिन उन्हें (निर्माताओं) अपना मामला आगे रखने और अगली सुनवाई में अपना पक्ष रखने के लिए एक और मौका देने के लिए, सीबीआई के निष्कर्षों की रिपोर्ट उनके साथ साझा की जाएगी।

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