उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कम्बल की चुनिंदा संस्थाओं द्वारा सीधी खरीद पर रोक। टेण्डर द्वारा होगी खरीद-

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UP Government ने निराश्रित असहाय, कमजोर व गरीब व्यक्तियों के लिए कंबल खरीद की व्यवस्था में बदलाव किया है। अब चुनिंदा संस्थाओं से कंबल खरीदने की जगह जेम पोर्टल से खुली निविदा के जरिए खरीद की जाएगी। इससे कंबल खरीद व्यवस्था में पर्दे के पीछे काम कर रहे दलालों व होने वाले खेल पर अंकुश की उम्मीद है।

 प्रदेश सरकार शीत लहरी, ठंड व पाला के दौरान निराश्रित, असहाय, कमजोर व गरीब व्यक्तियों को राहत पहुंचाने के लिए कंबल का वितरण कराती है। जिलाधिकारी जेम पोर्टल पर पंजीकृत हथकरघा निगम, यूपिका, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के माध्यम से उनके द्वारा वित पोषित व प्रमाणित संस्थाओं, गांधी आश्रम तथा हस्तशिल्प विकास एवं विपणन निगम के माध्यम से लघु, कुटीर तथा हथकरघा इकाइयों से कंबल की खरीद कर सकते थे। पोर्टल पर पंजीकृत अन्य संस्थाएं इसमें भाग नहीं ले पाती थीं। इससे चुनिंदा संस्थाओं के बीच कंबल खरीद में प्रतिस्पर्धा नहीं बन पा रही थी। इसके अलावा केवल सूचीबद्ध संस्थाओं से खरीद की सहूलियत का कुछ जिलों में एक काकस द्वारा दुरुपयोग किए जाने की शिकायतें आने लगी थी।
शासन ने इस व्यवस्था को ज्यादा पारदर्शी व प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए इस वर्ष से व्यवस्था में बदलाव कर दिया है। अब पोर्टल पर पंजीकृत समस्त संस्थाओं के बीच खुली निविदा (ओपेन टेंडर) के जरिए कंबल की खरीद की जाएगी। इसके लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक तकनीकी समिति गठित कर दी गई है।  यह समिति गुणवता के अनुसार कंबलों का जेम पोर्टल के जरिए खुली निविदा के जरिए खरीद करेगी। अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार ने कहा है कि खुली निविदा के माध्यम से क्रय प्रक्रिया में जेम पोर्टल पर पंजीकृत सभी संबंधित फर्में व संस्थाएं प्रतिभाग कर सकेंगी। इसमें हथकरघा निगम, यूपिका, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के माध्यम से वित पोषित व प्रमाणित संस्थाएं, गांधी आश्रम व हस्तशिल्प विकास निगम जेम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराकर खुली निविदा में भाग ले सकेंगे। अधिकतम 500 रुपये में कंबल की खरीद की जा सकती है।

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कंबल का मानक-
लंबाई: कम से कम 235 सेंटीमीटर
चौड़ाई: कम से कम 140 सेंटीमीटर
वजन:  कम से कम 2 किलो 200 ग्राम
ऊन की मात्रा:  कम से कम 70%
अनिवार्य शर्त: पुराने यार्न (धागे) का प्रयोग न किया गया हो
क्रय कीमत: अधिकतम 500 रुपये

खैर मानक तो तय हो गया परन्तु यह कौन तय करेगा कि कम्बल में ऊन 70 प्रतिशत है और वजन 2किलों से ज्यादा।

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