इस महीने की 13 तारीख से नवरात्रे शुरू हो गए है. और आज नवरात्रों का चौथा दिन है. आज के दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है. कूष्मांडा माता को मां दुर्गा का चौथा स्वरूप माना जाता है . मान्यता है कि पूरा जगत मां कूष्मांडा की पैर में है. नवरात्रि के चौथे दिन मां की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जानी चाहिए.
ऐसी मान्यता है कि कूष्मांडा माता पूजा करने से मनुष्य को सूर्य सा तेज मिलता है, यश की प्राप्ति होती है.. इनका स्वरूप काफी अद्भुत होता है. आठ भुजाएं होने के कारण इन्हें अष्टभुजाओं वाली माता भी कहा जाता है. यह भी मान्यता है की मां कूष्मांडा की आरती के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।
माँ कूष्मांडा की आरती इस प्रकार है:
कूष्मांडा जय जग सुखदानी..मुझ पर दया करो महारानी॥
पिगंला ज्वालामुखी निराली..शाकंबरी मां भोली भाली॥
लाखों नाम निराले तेरे..भक्त कई मतवाले तेरे
भीमा पर्वत पर है डेरा..स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥
सबकी सुनती हो जगदम्बे..सुख पहुंचती हो मां अम्बे॥
तेरे दर्शन का मैं प्यासा..पूर्ण कर दो मेरी आशा॥
मां के मन में ममता भारी..क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥
तेरे दर पर किया है डेरा..दूर करो मां संकट मेरा॥
मेरे कारज पूरे कर दो..मेरे तुम भंडारे भर दो ॥
तेरा दास तुझे ही ध्याए..भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥