आज नवरात्रों का नौवां दिन है. आज दुर्गा नवमी के दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप माता सिद्धिदात्री की विधिपूर्वक पूजा होती है. मान्यता है कि दुर्गा के नौवें स्वरुप माता सिद्धिदात्री की पूजा से भक्तों के भय और रोग का नाश हो जाता है. मां सिद्धिदात्री जीवन में होने वाली अनहोनी से भी रक्षा करती हैं. व अकाल मृत्यु से भी बचाती है. माता सिद्धिदात्री को मोक्ष दायिनी भी कहा गया हैं. भगवान शिव भी मां सिद्धिदात्री की आराधना करते हैं.
आज नवमी के दिन माँ की यह आरती की जाती है :
जय सिद्धिदात्री मां, तू सिद्धि की दाता। तू भक्तों की रक्षक, तू दासों की माता।
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि। तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि।
कठिन काम सिद्ध करती हो तुम। जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम।
तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है। तू जगदम्बे दाती तू सर्व सिद्धि है|
रविवार को तेरा सुमिरन करे जो। तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो।
तू सब काज उसके करती है पूरे। कभी काम उसके रहे ना अधूरे।
तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया। रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया।
सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली। जो है तेरे दर का ही अम्बे सवाली।
हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा। महा नंदा मंदिर में है वास तेरा।
मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता। भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता।