Corporate Matters

7800 करोड़ रोटोमैक ग्लोबल कंपनी बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी राहुल कोठारी को हाईकोर्ट ने दी जमानत-

रोटोमैक ग्लोबल कंपनी द्वारा किये गए बैंक घोटालों के मुख्य आरोपी रोटोमैक ग्लोबल कंपनी कानपुर (Rotomac Global Company Kanpur) के मालिक राहुल कोठारी (Rahul Kothari) को इलाहाबाद उच्च न्यायलय से मिली बड़ी राहत मिली है. जस्टिस ओम प्रकाश सप्तम की एकल [more…]

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उच्चतम बोली लगाने वाले को अपने पक्ष में नीलामी संपन्न कराने का कोई निहित अधिकार नहीं है: सुप्रीम कोर्ट

न्यायालय मौलिक अधिकारों के संरक्षक होने के नाते जहां मनमानी, तर्कहीनता, अतार्किकता, दुर्भावना और पूर्वाग्रह, यदि कोई हो, हस्तक्षेप करने के लिए बाध्य हैं, लेकिन साथ ही, न्यायालयों को बहुत संयम के साथ न्यायिक समीक्षा की शक्ति का प्रयोग करना चाहिए [more…]

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भारत के संविधान के अंतर्गत ‘प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता’ की संरक्षण की व्याख्या। क्या इसमें ‘जीविका का अधिकार’ भी शामिल है? लैंडमार्क वादों के डिटेल्स के साथ-

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 अत्यंत महत्वपूर्ण है। देश काल समय और परिस्थिति के अनुसार इस अनुच्छेद का दायरा बढ़ता गया है। यह व्यक्तियों को प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण प्रदान करता है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 का मूल [more…]

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सुप्रीम कोर्ट साइरस मिस्त्री की याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार, तल्ख टिप्पणियों को हटाने की मांग-

Tata Sons Vs Cyrus Mistry – साइरस मिस्त्री की याचिका पर भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वी रमना, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने कहा कि याचिका पर 10 दिनों के बाद सुनवाई होगी। शीर्ष [more…]

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सुप्रीम कोर्ट ने चेक बाउंस मामले में हाईकोर्ट का आदेश खारिज करते हुए दिया आपराधिक कार्यवाही फिर शुरू करने का निर्देश-

Rajusthan High Court राजस्थान उच्च न्यायालय की ओर से चेक बाउंस के एक मामले में आपराधिक कार्यवाही निरस्त कर दी गई थी। इस फैसले को माननीय शीर्ष अदालत ने रद्द कर दिया है और ट्रायल कोर्ट को कार्यवाही फिर से शुरू [more…]

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एक वकील जज के समान ही संवैधानिक नैतिकता और न्याय का संरक्षक होता है – सुप्रीम कोर्ट

शीर्ष न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट या जिला मजिस्ट्रेट SARFAESI ACT की धारा 14 (1) के आदेश के निष्पादन में उनकी सहायता के लिए एक वकील आयुक्त की नियुक्ति कर सकते हैं। The seminal question involved in [more…]

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हाईकोर्ट ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश देते हुए कहा कि आरोपियों को लाभ देने के लिए उचित धाराओं के तहत नहीं किया गया केस दर्ज-

उच्च न्यायालय ने शेयर मार्केट में पैसा लगाने से जुड़े करीब रुपये एक करोड़ [रु १०००००००/- ] के गबन के मामले में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि पुलिस अधिकारियों ने आरोपित को लाभ पहुंचाने की नीयत से आरबीआइ एक्ट व [more…]

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‘मैरिटल बलात्कार’ धारा 376 और ‘दहेज प्रताड़ना कानून’ धारा 498A का इस्तेमाल हिसाब चुकता करने के लिए हो रहा है, सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई-

Misuse of IPC SEC 376 & 498A – भारतीय दंड संहिता की धारा 498 A विवाहिता स्त्रियों के साथ ससुराल में क्रूरता के मामले में लगाई जाती है। दहेज उत्पीड़न और दहेज के लिए हत्याओं के मामलों को देखते हुए 1983 [more…]

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हिजाब पर क्यों मचा है बवाल, जाने विस्तार से संविधान प्रदत्त अधिकारों, सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट के लैंडमार्क फैसलों के माध्यम से, विस्तार में-

नियम अलग हैं और धर्म अलग। दोनों एक-दूसरे में हस्तक्षेप नहीं कर सकते। कर्नाटक में हिजाब को लेकर आखिर घमासान क्यों- ताजा विवाद की शुरुआत इस साल की शुरुआत में हुई जब कुछ सरकारी शिक्षण संस्थाओं में कुछ छात्राएं हिजाब पहनकर [more…]

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सुप्रीम कोर्ट: NI Act Sec 138 में शिकायत में पहले प्रबंध निदेशक का नाम, इस कारण से ये नहीं माना जा सकता कि शिकायत कंपनी की ओर से नहीं की गई-

Supreme Court सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि Negotiable Instrument Act Sec 138 नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत एक कंपनी की ओर से दायर की गई शिकायत एकमात्र कारण से खारिज करने के लिए उत्तरदायी नहीं है, क्योंकि [more…]