Corporate Matters

is Cryptocurrency Legal in India? 30% कर के बाद आपको लगता होगा कि क्रिप्टोकरेंसी लीगल है, तो जाने विस्तार से –

is Cryptocurrency Legal in India – FINANCE MINISTER OF INDIA ने इतना तो साफ हो गया है कि भारत में अब वर्चुअल एसेट (Virtual Asset) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. इतना ही नहीं, क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन [more…]

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Arbitration Act: धारा 34 के आवेदन में संशोधन कब किया जा सकता है? जानिए उच्च न्यायालय का निर्णय-

Madras High Court मद्रास हाई कोर्ट ने दिए अपने निर्णय में कहा कि यदि संशोधनों द्वारा पेश किए गए नए आधार मध्यस्थता अधिनियम की धारा 34 के तहत मध्यस्थ पुरस्कार को रद्द करने के लिए दायर याचिका के चरित्र को नहीं [more…]

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा: बैंक/पोस्ट ऑफिस कर्मचारियों द्वारा धोखाधड़ी कृत्य किए जाने पर वैकल्पिक रूप से बैंक/पोस्ट ऑफिस ही उत्तरदायी होगा-

Supreme Court of INDIA उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि डाकघर धोखाधड़ी के कारण हुए नुकसान के लिए अपने अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का हकदार है। यह उल्लेख करते हुए कि किसी डाकघर या बैंक को उनके कर्मचारियों द्वारा [more…]

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क्या फर्जी दस्तावेजों के जरिए कोई गैर भारतीय MP या MLA का चुनाव लड़ सकता है?

अब जरा कांग्रेस के सांसद एमके सुब्बा प्रकरण की पृष्ठभूमि में सोचिये कि हमारे देश में कोई भी गैर भारतीय अपने संसाधनों के बल पर भारत की नागरिकता के फर्जी दस्तोवज तैयार करा सकता है. कोई नहीं जानता कि देश में [more…]

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आपराधिक मामलों के संदर्भ में सर्वाधिक प्रचलित शब्द ज़मानत Bail है, जानिए क्या है “जमानत” का कानून!

आपराधिक मामलों के संदर्भ में सर्वाधिक प्रचलित शब्द ज़मानत होता है। जब भी कोई व्यक्ति किसी प्रकरण में अभियुक्त बनाया जाता है और अन्वेषण (Investigation), जांच (Inquiry) और विचारण (Trial) के लंबित रहते हुए उस व्यक्ति को कारावास में रखा जाता [more…]

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देश की न्यायप्रणाली पर हावी हो रही ट्रोल आर्मी ? न्यायाधीशों को सता रहा बदनामी व् ट्रोल होने का डर-

एक लाइन में कहें तो ये घटना भारत की न्यायिक व्यवस्था और लोकतंत्र के लिए बहुत ही खतरनाक ट्रेंड की शुरुआत है. क्योंकि अगर ट्रोल आर्मी हमारे देश की अदालतों और जजों पर हावी हो जाएगी, उन्हें बदनामी और अपमान का [more…]

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अभियुक्त के पास अगर नहीं है ज़मानतदार तब कानून में क्या है प्रावधान, जानिए विस्तार से केस विवरण के साथ –

ज़मानत के लिए गिड़गिड़ाना तथा किसी व्यक्ति से अपने प्रकरण में प्रतिभू बनने हेतु निवेदन करना अपनी गरिमा एवं प्रतिष्ठा को ठेंस पहुंचाने जैसा है। यह गरिमा एवं प्रतिष्ठा किसी व्यक्ति को संविधान के अंतर्गत दिए गए मूल अधिकारों में निहित [more…]

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NI Act Sec 138 उन मामलों में भी लागू होती है जहां चेक आहरण के बाद और प्रस्तुति से पहले ऋण लिया जाता है – सुप्रीम कोर्ट

केवल चेक को एक प्रतिभूति के रूप में लेबल करने मात्र से कानूनी रूप से लागू करने योग्य ऋण या देयता को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किए गए एक इंस्ट्रूमेंट के रूप में इसके चरित्र को खत्म नहीं किया जाएगा।” [more…]

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बॉम्बे हाईकोर्ट: हत्या, डकैती आदि अपराधों की तुलना में सफेदपोश अपराध अधिक गंभीर हैं-

कोर्ट कर देनदारियो से बचने के लिए नकली चालान के माध्यम से कथित रूप से धोखाधड़ी करने के लिए आपराधिक कार्यवाही रद्द करने की मांग वाली मेसर्स गणराज इस्पात प्रा. लि निदेशको द्वारा दी गई दलीलो पर सुनवाई कर रहा था [more…]

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सुप्रीम कोर्ट की महत्वपूर्ण व्याख्या भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 420, और 477ए और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत-

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमना, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 420, और 477A और धारा 13(2) के साथ पठित धारा 13(2) (1)(डी) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के के तहत दोषी ठहराए [more…]