राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल के साथ कथित तौर पर मारपीट के मामले में दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने बिभव कुमार की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव पर आरोप है कि उन्होंने मुख्यमंत्री के घर के अंदर मालीवाल से मारपीट की. पुलिस रिमांड की अवधि खत्म होने के बाद उन्हें जज ने न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया था. जिसके बाद बिभव ने बेल के लिए कोर्ट का रुख किया.
जमानत याचिका का विरोध करते हुए स्वाति मालीवाल की तरफ से कहा गया कि जो सुविधा किसी को नहीं मिल रही वो बिभव को दी जा रही है. एक बहुत बड़ा यूट्यूबर है, जो पहले आप वालंटियर था, उसने एक तरफा वीडियो बनाई. जिसके बाद मुझे धमकी मिलने लगी और रेप के थ्रेट भी आने लगे. बार-बार मुझे बीजेपी एजेंट कहा गया. इनके पास ट्रोल आर्मी है. पूरी मशीनरी मेरे खिलाफ झोंका दी गई. लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. बिभव सामान्य व्यक्ति नहीं है. अगर वो जेल से बाहर आता है, तो मुझे और मेरे परिवार को जान का खतरा है.
दिल्ली कोर्ट ने खारिज की याचिका-
एडिशनल सेशन जज सुशील अनुज त्यागी ने बिभव कुमार की जमानत याचिका को सुना. दिल्ली कोर्ट ने बिभव कुमार को राहत देने से इंकार किया है. सुनवाई के दौरान, बिभव कुमार, दिल्ली पुलिस और स्वाति मालीवाल के वकील मौजूद रहें और अपने-अपने मुवक्किल का पक्ष रखा.
दिल्ली पुलिस के पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ने भी जमानत का विरोध करते हुए कहा कि भारत में महिलाएं यौन उत्पीड़न पर FIR कराने में हिचकिचाती हैं. हम बिभव को लेकर मुंबई गए, जहां फोन फॉर्मेट कर दिया गया था. जज ने पूछा कि आप उनका फोन क्यों चाहते थे. दिल्ली पुलिस ने कहा कि ये पता करना था कि बिभव ने किसको फोन किए, क्या सीएम को फोन करके परमीशन ली गई. इन्होंने फोन तो दिया लेकिन पासवर्ड नहीं बताया.
स्वाति मालीवाल का आरोप है कि 13 जून को जब वो सीएम हाउस जेल से बाहर आए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने पहुंची थी, तब घर की लॉबी में उनके पीएम बिभव कुमार ने बुरी तरह मारपीट की. मालीवाल ने तुरंत ही पीसीआर कॉल कर पुलिस को घटना की जानकारी दी. बाद में वो सिविल लाइंस थाने भी पहुंची थी.