सुप्रीम कोर्ट ने कहा: अदालतों को किसी मामले के सभी मुद्दों पर न्यायिक निर्णय देना चाहिए न कि सिर्फ एक मुद्दे पर-

2न्यायमूर्ति एमआर शाह न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना

सर्वोच्च न्यायलय ने मंगलवार एक मामले कि सुनवाई करते हुए निचली अदालतों को आगाह किया कि मामलों का फैसला करने में शॉर्टकट की मानसिकता से बचें।

जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि निचली अदालतो द्वारा कुछ सवाल अनुत्तरित छोड़ने के बदले मुकदमे के हर पहलू पर पूरी तरह विचार कर फैसला देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निचली न्यायालयों द्वारा ऐसा न किये जाने के कारण अपीलीय अदालतों पर बोझ बढ़ता है और नए सिरे से न्याय का निर्णय करने की जरूरत पड़ती है।

उच्चतम अदालत ने यह टिप्पणी भूमि अधिग्रहण के मामले में कर्नाटक उच्च न्यायलय के एकल और खंडपीठों के फैसले के खिलाफ दायर कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) की कई याचिकाओं पर दिए फैसले में की। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया।

इस मामले में एपीएमसी ने जमनालाल बजाज सेवा ट्रस्ट के मालिकाना हक वाली 172 एकड़ 22 गुंटा जमीन का अधिग्रहण किया था। हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि यह अधिग्रहण 2013 के भूमिअधिग्रहण कानून के तहत कालातीत हो गया है।

जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने हाईकोर्ट के आदेश को खारिज करते हुए कहा कि अदालतों को किसी मामले के सभी मुद्दों पर न्यायिक निर्णय देना चाहिए न कि सिर्फ एक मुद्दे पर।

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