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विवाह का कार्ड बनी शादी टूटने की वजह, सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बनने से पहले ही टूट गये रिश्ते-

मुंबई : घर में (Marriage) शादी की शहनाई बजने वाली थी. तैयारी पूरी कर ली गयी थी. केवल दो दिल या दो परिवार ही नहीं, बल्कि दो धर्म भी मिलने वाले थे. लेकिन शादी के कार्ड (Marriage card) ने इस सपने को तोड़ दिया. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक शादी के कार्ड के वायरल होने के बाद एक शादी टूट गयी. सोशल मीडिया पर इसे लव जिहाद (Love Jihad) के नाम से वायरल किया गया और रिश्ते बनने से पहले ही टूट गये.

मामला नासिक का है. पिछले हफ्ते एक परिवार के सदस्यों ने अपने समुदाय के विरोध के बाद हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार अपनी 28 वर्षीय बेटी की शादी एक मुस्लिम व्यक्ति से करने के लिए एक समारोह को रद्द कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने इस शादी को LOVE JIHAD ‘लव जिहाद’ का मामला बताया.

मामला नासिक का है. पिछले हफ्ते एक परिवार के सदस्यों ने अपने समुदाय के विरोध के बाद हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार अपनी 28 वर्षीय बेटी की शादी एक मुस्लिम व्यक्ति से करने के लिए एक समारोह को रद्द कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने इस शादी को LOVE JIHAD ‘लव जिहाद’ का मामला बताया.

लेकिन उनकी कहानी यहीं खत्म नहीं हुई. भले ही समारोह रद्द कर दिया गया था, लेकिन परिवार के सदस्यों ने फैसला किया कि वे अपनी बेटी की पसंद के साथ खड़े रहेंगे. उनके अनुसार, जबरन धर्म परिवर्तन का कोई प्रयास नहीं किया गया था और शादी को पहले ही एक स्थानीय अदालत में पंजीकृत करा दिया गया था.

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एक प्रमुख जौहरी और दुल्हन के पिता प्रसाद अदगांवकर ने कहा कि उनकी बेटी रसिका शारीरिक रूप से विकलांग थी और परिवार को उसके लिए एक लड़का खोजने में कुछ कठिनाई का सामना करना पड़ा था. हाल ही में उनकी बेटी ने और उसके एक पूर्व सहपाठी आसिफ खान ने शादी के बंधन में बंधने की इच्छा प्रकट की. चूंकि दोनों परिवार एक-दूसरे को पिछले कुछ सालों से जानते थे, इसलिए वे इस शादी के लिए राजी हो गये.

अडगांवकर ने कहा कि मई में दोनों परिवारों की उपस्थिति में नासिक की एक अदालत में शादी का पंजीकरण कराया गया था. उस समय, दोनों परिवार 18 जुलाई को रीति-रिवाज के साथ शादी का आयोजन को लेकर सहमत हुए. पिता ने कहा कि समारोह नासिक के एक होटल में करीबी रिश्तेदारों की मौजूदगी में होना था. लेकिन फिर, निमंत्रण कार्ड की एक प्रति कई व्हाट्सएप ग्रुप्स में वायरल हो गई, जिससे बाद शादी को रद्द करने के लिए जानने वालों और कई अजनबियों के फोन भी आने लगे.

अडगांवकर ने कहा कि नौ जुलाई को समुदाय के लोगों ने उनसे मुलाकात की और शादी को रद्द करने के लिए कहा. परिवार के एक अन्य सदस्य ने कहा कि समुदाय के लोगों और अन्य लोगों की ओर से बहुत दबाव आने लगा और इसलिए शादी समारोह को रद्द करने का फैसला किया गया. इसके बाद, परिवार ने एक स्थानीय सामुदायिक संगठन को एक पत्र सौंपा कि समारोह को रद्द कर दिया गया है.

लाड सुवर्णाकर संस्था, नासिक के अध्यक्ष सुनील महलकर, जिन्हें यह पत्र सौंपा गया था, उन्होंने कहा कि हमें परिवार से एक पत्र मिला है और उन्होंने हमें सूचित किया है कि शादी रद्द कर दी गयी है. लेकिन इसके बाद भी लड़की के परिवार वालों का कहना है कि चाहे कुछ भी हो जाए, युवा जोड़े को अलग होने के लिए मजबूर नहीं किया जायेगा.

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