Cheque Bounce Cases: सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ते चेक अनादर मामले को देखते हुए दिया विशेष कोर्ट बनाने का आदेश-

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शीर्ष अदालत Supreme Court ने चेक बाउंस Cheque Bounce Cases के बढ़े हुए मामले को सुनने के लिए विशेष कोर्ट Special Court बनाने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने पांच राज्यों- महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, दिल्ली और यूपी के पांच जिलों में पायलट योजना के तहत विशेष चेक बाउंस कोर्ट के गठन का आदेश दिया।

न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट ने कहा कि महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में बड़ी संख्या में लंबित मुकदमों को देखते हुए नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट NIAct के तहत इन राज्यों में विशेष अदालतें गठित की जाएगी।

पीठ ने कहा, ‘हमने पायलट अदालतों के गठन के संबंध में न्याय मित्र के सुझावों को शामिल किया है और हमने समय सीमा भी दी है। यह एक सितंबर 2022 के बाद से शुरू होनी है।’ पीठ ने कहा कि इस अदालत के महासचिव यह सुनिश्चित करेंगे कि मौजूदा आदेश की प्रति सीधा इन पांच उच्च न्यायालयों के महापंजीयक को मिले, जो उसे तत्काल कार्रवाई के लिए मुख्य न्यायाधीशों के समक्ष पेश कर सकते हैं।

सर्वोच्च न्यायालय ने अपने महासचिव को इस आदेश के बारे में इन राज्यों के उच्च न्यायालयों के महापंजीयक को सूचित करने का निर्देश दिया और उन्हें इसके अनुपालन पर 21 जुलाई 2022 तक एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है।

जानकारी हो कि न्याय मित्र ने सुझाव दिया कि एक पायलट परियोजना के तौर पर प्रत्येक जिले में एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश वाली एक अदालत होनी चाहिए। इस मामले पर सुनवाई अब 28 जुलाई को होगी।

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सुप्रीम कोर्ट ने चेक बाउंस मामलों के भारी संख्या में लंबित रहने पर संज्ञान लिया था और ऐसे मामलों के तत्काल निस्तारण का निर्देश दिया था। 31 दिसंबर 2019 तक ऐसे मामले 35.16 लाख थे।

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