बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar assembly election) में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने 5 सीटों पर जीत हासिल करने के बाद बंगाल और उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. इससे मुस्लिम वोटों की राजनीति करने वाली टीएमसी, कांग्रेस व लेफ्ट पार्टियों को चिंता बढ़ गई थी, लेकिन सोमवार को टीएमसी ने AIMIM की बंगाल इकाई में सेंध लगाते हुए उसके कई नेताओं को तोड़ लिया. AIMIM के नेता टीएमसी में शामिल हुए और ममता बनर्जी के प्रति विश्वास जताते हुए दावा किया कि बंगाल में बिहार की तरह परिणाम नहीं होगा. बंगाल के मुस्लिम पूरी तरह से ममता बनर्जी के साथ हैं.
दर्जनों AIMIM नेता-कार्यकर्ता टीएमसी में हुए शामिल
सोमवार को तपसिया स्थिति टीएमसी कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में टीएमसी के मंत्री व्रात्य बसु व मलय घटक की उपस्थिति में AIMIM अनवर पासा, मुर्शीद अहमद, सैयद रहमान, तारिक अजीज, शेख हबीबुल सहित दर्जनों AIMIM के कार्यकर्ता टीएमसी में शामिल हुए.
ओवैसी को दी सलाह, बंगाल नहीं आएं
AIMIM से टीएमसी में शामिल हुए अनवर पासा ने कहा कि ओवैसी साहब ने उन लोगों से राय मांगी थी कि उन्हें क्या करना चाहिए. उन्होंने कहा कि वह ओवैसी साहब को सलाह देते हैं कि वह बंगाल नहीं आएं. बंगाल के मुसलमान सुख-शांति से हैं. बीजेपी उनके आने से खुद का लाभ देख रही है, लेकिन बंगाल का मुस्लिम पूरी तरह से ममता बनर्जी के साथ हैं, क्योंकि ममता बनर्जी पूरी तरह से सेक्युलर हैं. उन्होंने कहा कि बंगाल में 30 फीसदी मुस्लिम हैं. यदि बंगाल को डिस्टर्ब करने की कोशिश की गई, तो इसका परिणाम अच्छा नहीं होगा. वह अपनी पूरी ताकत लगा देंगे, ताकि बंगाल में सांप्रदायिकता अपनी जमीन नहीं बना पाए.