Informative

विचाराधीन कैदी के रूप में लंबे समय तक कारावास में रहने के बाद अभियुक्त को ‘निर्दोष बरी’ किए जाने के मामलों में मुआवज़े के लिए दावे किए जा सकते हैं: SC

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि विचाराधीन कैदी के रूप में लंबे समय तक कारावास में रहने के बाद अभियुक्त को निर्दोष बरी किए जाने के मामलों में मुआवज़े के लिए दावे किए जा सकते हैं। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि ‘निर्दोष [more…]

Informative

अधिवक्ता से न्यायाधीश के प्रति अभद्र व्यवहार और असंयमित भाषा का प्रयोग करने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट सख्त, ‘स्वतः सज्ञांन’ लेते हुए अधिवक्ता को दी चेतावनी

हम इस मामले में अधिक गंभीर दृष्टिकोण अपनाने के लिए इच्छुक थे, लेकिन इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि अवमाननाकर्ता एक युवा अधिवक्ता है और उसके द्वारा इस तरह के आचरण का कोई पूर्व आरोप नहीं लगाया गया है, [more…]

Informative

पत्नी द्वारा झूठे मुकदमे के कारण पति को हुआ प्रतिष्ठा का नुकसान, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पति के पक्ष में तलाक के आदेश को रखा बरकरार

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पति के पक्ष में तलाक के आदेश को बरकरार रखा, जिसमें कहा गया कि पत्नी द्वारा झूठे मुकदमे के कारण उसे प्रतिष्ठा का नुकसान हुआ है। संक्षिप्त तथ्य- पक्षकारों के बीच विवाह 17.04.2002 को संपन्न हुआ। पक्षकारों [more…]

Informative

अनुसूचित जातियों में उप-वर्गीकरण को लेकर अपने फैसले की समीक्षा को सहमत सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को अनुसूचित जातियों में उप-वर्गीकरण को लेकर दिए गए अपने फैसले की समीक्षा करने के लिए सहमत हो गया है। इस संबंध में कोर्ट में कई याचिकाएं डाली गई थीं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस निर्णय में कहा [more…]

Informative

‘जजों से भी हो सकती है गलती’, सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश वापस लेने के ED के आवेदन को अनुमति प्रदान करते हुए कहा की आदेशों में त्रुटियों को मानने में और उन्हें सुधारने से पीछे नहीं हटना चाहिए

सुप्रीम कोर्ट ने माना कि जज भी गलती कर सकते हैं। शीर्ष अदालत ने कहा है कि अदालतों को अपने आदेशों में गलतियों को स्वीकार करने और मामले के बंद होने के बाद भी उन्हें सुधारने से पीछे नहीं हटना चाहिए। [more…]

Informative

स्थानीय पुलिस अधिकारियों द्वारा एक सेना अधिकारी और उसकी मंगेतर के साथ दुर्व्यवहार, उच्च न्यायालय ने “परेशान करने वाली” घटना के संबंध में स्वतः संज्ञान लिया

उड़ीसा उच्च न्यायालय ने भरतपुर पुलिस स्टेशन, भुवनेश्वर में 15 सितंबर, 2024 को घटी “परेशान करने वाली” घटना के संबंध में स्वतः संज्ञान लिया है, जिसमें स्थानीय पुलिस अधिकारियों द्वारा एक सेना अधिकारी और उसकी मंगेतर के साथ दुर्व्यवहार किया गया [more…]

Informative

कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक/आपराधिक कार्यवाही तभी शुरू की जा सकती है, जब अनुशासनात्मक कार्यवाही में कर्मचारी को आरोप-पत्र जारी किया गया हो – SC

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि आपराधिक जांच का सामना कर रहे सरकारी कर्मचारी की पदोन्नति पर विचार करते समय “सीलबंद लिफाफा प्रक्रिया” का पालन आरोप-पत्र दाखिल होने के बाद ही किया जाना चाहिए। न्यायालय ने कहा कि जांच लंबित होने के [more…]

Informative

अपने ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने “पॉक्सो अधिनियम की धारा 30 के तहत दोषपूर्ण मानसिक स्थिति का अनुमान निरस्तीकरण कार्यवाही में लागू किया जा सकता है”

सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में, स्पष्ट किया कि यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम की धारा 30 के तहत वैधानिक अनुमान को उच्च न्यायालयों द्वारा आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 482 या भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, [more…]

Informative

14 वर्षीय लड़की के बलात्कार और हत्या के मामले में मृत्युदंड को 20 वर्ष की निश्चित कारावास में दिया बदल, SC ने कहा कि वह कोई “कठोर अपराधी नहीं है, जिसे सुधारा नहीं जा सकता”

सर्वोच्च न्यायालय ने यह देखते हुए कि अभियुक्त कोई कठोर अपराधी नहीं है, जिसे सुधारा नहीं जा सकता, 14 वर्षीय लड़की के बलात्कार और हत्या के मामले में मृत्युदंड को 20 वर्ष की निश्चित कारावास में बदल दिया। तथ्य- प्रस्तुत अपीलें [more…]

Informative

जब दो अभियुक्तों के विरुद्ध समान या एकसमान साक्ष्य हों, तो न्यायालय एक अभियुक्त को दोषी नहीं ठहरा सकता तथा दूसरे को बरी नहीं कर सकता – SC

सर्वोच्च न्यायालय ने दोहराया है कि जब दो अभियुक्तों के विरुद्ध समान या एकसमान साक्ष्य हों, तो न्यायालय एक अभियुक्त को दोषी नहीं ठहरा सकता तथा दूसरे को बरी नहीं कर सकता। न्यायालय ने अपीलकर्ता को बरी कर दिया, जिसे आईपीसी [more…]