ड्रोन भारत के कृषि क्षेत्र में विशेष रूप से उचित कृषि, टिड्डी नियंत्रण (Locust Control) और फसल उपज (Crop yield) में सुधार लाने जैसे क्षेत्रों में बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार है.
केंद्र सरकार ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए खेती-बाड़ी में ड्रोन (Drone) के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. नागर विमानन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) और नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA ने कृषि अनुसंधान गतिविधियों के लिए इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर सेमी-आरिड ट्रॉपिक्स (ICRISAT) हैदराबाद, तेलंगाना को ड्रोन की तैनाती करने के लिए सशर्त छूट दी है. यह सशर्त छूट इस आशय का पत्र जारी होने की तिथि से छह माह की अवधि के लिए या डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म (चरण-1) के पूर्ण परिचालन तक, जो भी पहले हो, मान्य होगी.
नागर विमानन मंत्रालय के संयुक्त सचिव अंबर दुबे ने बताया कि ड्रोन भारत के कृषि क्षेत्र में विशेष रूप से उचित कृषि, टिड्डी नियंत्रण (Locust Control) और फसल उपज (Crop yield) में सुधार लाने जैसे क्षेत्रों में बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं. सरकार युवा उद्यमियों और शोधकर्ताओं को देश के 6.6 लाख से अधिक गांवों में कम कीमत के ड्रोन समाधान प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है.
रिमोटली पायलेटिड एयर क्राफ्ट सिस्टम्स का उपयोग करते हुए आईसीआरआईएसएटी के क्षेत्र में कृषि अनुसंधान गतिविधियों के लिए डेटा अधिग्रहण हेतु आईसीआरआईएसएटी के लिए शर्तों में छूट दी गई है. यह छूट तभी मान्य होगी, जब नीचे दी गई सभी शर्तों और सीमाओं का सख्ती से अनुपालन किया जाए. किसी भी शर्त के उल्लंघन के मामले में, यह छूट समाप्त हो जाएगी.