नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा ने गुरुवार 18 फरवरी को देशव्यापी ‘रेल रोको आंदोलन’ का ऐलान किया है, पिछली बार ‘चक्का जाम’ में जहां दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छूट दी गई थी, इस बार किसान ऐसी कोई रियायत नहीं बरतने वाले. भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि , “कल रेल रोको अभियान 12 बजे से 3-4 बजे तक रहेगा. हम तो रेल चलाने की बात कर रहे हैं, अगर रेल रोकेंगे तो संदेश देंगे कि रेल चले, गांव के लोग अपने हिसाब से रेल रोको अभियान का संचालन कर लेंगे”.
पंजाब के कीर्ति किसान यूनियन के प्रेस सचिव जितेंदर सिंह चीना ने बताया कि ‘हम सभी रेलवे लाइनें ब्लॉक करेंगे, दिल्ली आने वाली भी’ . उन्होंने कहा कि ‘रेल रोको आंदोलन’ का उद्देश्य सरकार पर किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने के लिए दबाव बनाना है
संयुक्त किसान मोर्चा ने 18 फरवरी को दोपहर 12 से लेकर शाम 4 बजे तक ‘रेल रोको आंदोलन’ की घोषणा की है.जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक अभीक साहा ने कहा, “जिस समय ट्रैफिक सबसे कम होती है, उस समय हमने सड़क जाम किया और इसी प्रकार, दिन में ट्रेन की ट्रैफिक कम होती है क्योंकि लंबी दूरी की ट्रेन अधिकतर रात में चलती हैं”.
किसान संगठनों के मिली जानकारी के अनुसार , गुरुवार को देशभर में हजारों किसान रेल की पटरियों पर बैठेंगे, किसानों की योजना पूरे देश के रेल नेटवर्क को चार घंटों के लिए बिलकुल ठप्प करने की है.इसे देखते हुए रेलवे ने भी रेलवे प्रोटेक्शन स्पेशल फोर्से की 20 अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती की है, किसानों के ऐलान के मद्देनजर रेलवे ने भी खास तैयारियां की है.देशभर में रेलवे प्रोटेक्शन स्पेशल फोर्स की 20 अतिरिक्त कंपनियां यानी करीब 20 हजार जवान तैनात किए गए हैं, मुख्य फोकस पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल पर रखा गया है