लखनऊ शवदाह गृह में लम्बी कतार, टोकन सिस्टम से किया जा रहा है अंतिम संस्कार 

Estimated read time 0 min read

लखनऊ। राजधानी में कोरोना से मौत के बाद 12 घंटे बाद भी शवों का अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है। बुधवार को मेडिकल कॉलेज प्रयागराज से रिटायर्ड डॉ. मिलिंद मुखर्जी के अंतिम संस्कार के लिए परिवारीजन सुबह से देर रात तक बैंकुंठ धाम भैंसाकुंड के विद्युत शवदाह गृह के बाहर एंबुलेंस में शव के साथ इंतजार करते रहे। इसी तरह कई अन्य परिवार भी बैठे रहे। शवदाह गृह के बाहर एंबुलेंसों की कतार लगी रही। बुधवार रात 11 बजे तक 27 शवों का अंतिम संस्कार कोविड नियमों का पालन करते हुए हो चुका था।

बैंकुंठ धाम, भैंसाकुंड पर सुबह 10.30 बजे से दाह संस्कार के लिए बारी का इंतजार कर रहे डीके सिंह ने गुस्सा और दर्द बयां किया। उनका कहना है कि डॉ. मिलिंद मुखर्जी के दाह संस्कार में सम्मिलित होने के लिए वे यहां बैठे हैं। डॉ. मिलिंद उनके एक जूनियर साथी के पिता हैं। वहीं, दूसरे शव लेकर आए लोगों से पता चला कि 16 अंतिम संस्कार के बाद भी करीब 10 और शव अंतिम संस्कार के लिए इंतजार में थे। विद्युत शवदाह गृह के कर्मचारियों ने बताया कि इनका अंतिम संस्कार सुबह पांच बजे तक हो पाएगा।

ALSO READ -  सरकारी स्कूल हटाकर शापिंग मॉल: छात्र के लेटर पर उच्च न्यायलय ने मुख्य सचिव को दिया नोटिस-

You May Also Like