हिंदुस्तान जिंक में विनिवेश को मंजूरी

सुप्रीम कोर्ट ने CBI को केस दर्ज करने का दिया निर्देश हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की नीलामी और शेयरों की बिक्री में पाई गई गड़बड़ी-

सुप्रीमकोर्ट ने हिंदुस्तान जिंक में विनिवेश को मंजूरी देते हुए कहा की सरकार बेच सकती है अपनी हिस्सेदारी, CBI जांच जारी रहेगी-

Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार के दौरान हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड Hindustan Zinc Ltd. के 26 फीसदी शेयरों के विनिवेश मामले में सीबीआई CBI को एक नियमित मामला दर्ज करने का निर्देश दिया। 

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि बोली प्रक्रिया में गड़बड़ी व शेयरों की बिक्री में अनियमितता को देखते हुए प्रथम दृष्टया जांच का मामला बनता है।

मार्च 2021 में सरकार सुप्रीमकोर्ट में गई और उसने 29.5% की हिस्सेदारी को बेचने के लिए मंजूरी मांगी थी।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्न की पीठ ने कहा कि 2002 में एचजेडएल Hindustan Zinc Ltd. के विनिवेश की प्रारंभिक जांच को नियमित मामले में बदलने के लिए सीबीआई के विभिन्न अधिकारियों की सिफारिश अदालत को यह बताती है कि प्रथम दृष्टया यह मामला जांच का है।

पीठ ने ये भी कहा कि 2002 के बाद एचजेडएल सरकारी कंपनी नहीं है, ऐसे में  शीर्ष अदालत ने खुले बाजार में केंद्र की शेष 29.5 प्रतिशत हिस्सेदारी के विनिवेश की अनुमति दी।

सरकार को फैसला लेने का हक

कोर्ट ने कहा कि जब तक प्रक्रिया पारदर्शी है, इसकी अच्छी कीमत मिलती है, तब तक शेयर होल्डिंग को कम करने के बारे में सरकार को फैसला लेने का हक है। केंद्र सरकार ने 2002 में कंपनी में हुए विनिवेश की CBI जांच बंद करने की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट ने माना कि 2002 की सरकारी हिस्सेदारी बिक्री में विनिवेश के मानदंडों के उल्लंघन का प्रथम दृष्टया मामला मौजूद है। इसे बंद करने की अनुमति नहीं दी गई है।

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2002 में मामला दर्ज करने के बाद जांच हुई थी बंद

शीर्ष कोर्ट ने कहा कि 2002 में विनिवेश में कथित अनियमितताओं में नियमित मामला दर्ज करने की सिफारिश के बावजूद, प्रारंभिक जांच बंद कर दी गई थी, कोर्ट ने कहा कि जब इसकी जांच चल रही थी तो बंद करने की क्या जरूरत थी। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को नियमित मामला दर्ज करने और निश्चित समय में अपनी रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।

332 रुपए पर है कंपनी का शेयर

हिंदुस्तान जिंक का शेयर 332 रुपए पर कारोबार कर रहा है। कंपनी को साल 2020-21 में कुल 22,629 करोड़ रुपए के रेवेन्यू पर 7,980 करोड़ रुपए का फायदा हुआ था। सितंबर तिमाही में इसका रेवेन्यू 6,122 करोड़ रुपए था। जबकि शुद्ध फायदा 2,017 करोड़ रुपए था।

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