ND: ग़ौरतलब है पिछले कई महीनों से कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच घमासान जारी है। तीनों कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के आंदोलन में आई तेजी को देखते हुए सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी की जा रही है। कहा जा रहा है कि किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच अगली बातचीत कल दो फरवरी को होगी।
जबकि सूत्रों की मानें तो संयुक्त किसान मोर्चा ने इस बारे में अभी कोई पुष्टि नहीं की है। वहीं, किसान नेताओं ने कहा है कि सम्मानजनक हल निकलना चाहिए, लेकिन अगर हम पर दबाव दिया जायेगा तो हम नहीं मानेगें। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रमुख नरेश टिकैत ने रविवार को इस बारे में संकेत देते हुए कहा, किसान प्रधानमंत्री की गरिमा का सम्मान करेंगे, लेकिन वे आत्म-सम्मान की रक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।
एक शांतिपूर्ण हल की ओर पहुंचा जाना चाहिए। हम दबाव में कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे।