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किसान महासम्मेलन मे बोले केजरीवाल ‘लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरेगी आम आदमी पार्टी’

बाघापुराना (पंजाब) : आम आदमी पार्टी ने बाघापुराना में हुए अपने किसान महासम्मेलन में शामिल होने के लिए पंजाब के लोगों को धन्यवाद दिया और आभार प्रकट किया. सोमवार को पार्टी मुख्यालय से जारी एक बयान में आप के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि आप के किसान महासम्मेलन ने साबित कर दिया कि पंजाब के लोग अकाली, कांग्रेस और भाजपा से तंग आ चुके हैं. आम आदमी पार्टी को लोग बदलाव लाने वाली पार्टी के रूप में देख रहे हैं. लोग आम आदमी पार्टी से यह उम्मीद कर रहे हैं कि आप पंजाब को फिर से खुशहाल और संपन्न राज्य बनाएगी. आप नेताओं ने कहा कि कांग्रेस और अकाली दल ने सत्ता में आने के लिए लोगों से कई सारे झूठे वादे किए और सत्ता में आने के बाद अपने सारे वादे भूल गए. आम आदमी पार्टी एकलौती ऐसी पार्टी है जिसने दिल्ली में जनता से जो वादे किए, सत्ता में आने पर उससे ज्यादा पूरा किया. दिल्ली में आप की अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा किए गए जनकल्याण कार्यों से पंजाब के लोग काफी प्रभावित हैं. लोगों को उम्मीद है कि पंजाब में आप की सरकार बनने पर पार्टी दिल्ली की तरह ही जन-कल्याण का कार्य करेगी.उन्होंने कहा कि हम पंजाब की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. हमें पूरा भरोसा है कि पंजाब के लोग 2022 में आप की सरकार बनाएंगे. विरोधी पार्टियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि बाघापुराना के किसान महासम्मेलन को देखकर विरोधी दलों की नींद उड़ गई है. सत्ता में रहकर इन दलों ने पंजाब को लूटा. अब उनको हार का डर सता रहा है. पंजाब की जनता 2022 में सारी लूटेरी पार्टियों को सत्ता से बाहर कर देगी.

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उन्होंने कहा कि पंजाब में अकालियों द्वारा शुरू किए गए सभी तरह के माफियाओं को अब कैप्टन सरकार बढ़ावा दे रही है. आज अकाली दल ऐसी पार्टी बन गई है जिससे पंजाब के लोग सबसे ज्यादा नफरत करते हैं. लोग अकाली दल का नाम तक नहीं लेना चाहते हैं. काले कानूनों का अकाली दल द्वारा समर्थन करने के कारण ही आज पंजाब सहित देशभर के किसान परेशानियों का सामना कर रहे हैं. अकाली दल हमेशा अपने फायदे के लिए काम किया, लोगों की भलाई लिए उसने कभी कोई काम नहीं किया. अकाली दल और कांग्रेस की जन-विरोधी नीतियों ने पंजाब के किसानों को कॉर्पोरेट घरानों को बेचने के लिए दांव पर लगा दिया. पंजाब के किसान जिस कृषि कानूनों को अपनी मौत का वारंट बता रहे हैं, उसपर अकाली और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने हस्ताक्षर किए हैं.

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