Supreme Court Of India Jplive24

#पति की निजी संपत्ति नहीं पत्नी, साथ रहने को नहीं किया जा सकता मजबूर : सुप्रीम कोर्ट 

ND: हमारे हिन्दू समाज में शादी एक पवित्र संस्कार है। यहाँ तक कि हिन्दू मैरिज एक्ट में भी शादी का महत्वपूर्ण स्थान है। इस कड़ी में सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान एक बार फिर दोहराया है कि पत्नी पति की निजी संपत्ति नहीं होती है। इस फैसले में कोर्ट ने कहा है कि पत्नी के साथ जोर-जबरदस्ती कर पति के साथ रहने के लिए कोई दवाव नहीं किया जा सकता है। आपको बतादें कि एक शख्स ने याचिका दायर की थी कि कोर्ट उसकी पत्नी को ये आदेश दे कि वो उसके साथ रहे। 

इस मामले की सुनवाई करते हुए न्यायामूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की बेंच ने कहा कि आपको क्या लगता है? क्या महिला किसी की गुलाम है जो हम ऐसा आदेश पारित करें? क्या पत्नी आपकी निजी संपत्ति है जो उसे आपके साथ जाने का निर्देश दिया जा सकता है? मामलें में पति अपनी पत्नी को दहेज़ के लिए प्रताड़ित करता था। जिसके बाद पत्नी अपने घर चली गई और गुजरा भत्ता का केस डाला जिसके बाद पत्नी को कोर्ट के फैसले के बाद 20,000 रूपए महीना पति दवरा दिए जानें का फैसला किया गया। हालाँकि पति पर गुजारा भत्ता नहीं दिए जानें का भी आरोप है। 

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