वैसे तो भगवान् शिव का बेहद फलदाई व्रत प्रदोष बीती 24 फरवरी को बीत चूका है लेकिन आएये आपको बताते हैं इसके फल और लाभ। आपको बतादें की प्रदोष व्रत में देवो के देव महादेव की पूजा का विधान है।
प्रदोष व्रत प्रत्येक माह त्रयोदशी तिथि पढ़ने पर किया जाता है। यह व्रत इस माह बीती 24 फरवरी 2021 किया गया। प्रदोष व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही प्रदोष काल में ही प्रदोष व्रत की पूजा होती है। ऐसी मान्यता है कि प्रदोष के दिन भगवान शिव और माँ पार्वती दोनों को एक साथ पूजा जाता है जिससे घर में सुख शांति और सभी कष्टों रोगों का नाश होता है। ये भी मान्यता है क़ी कई जन्मों के पाप धुल जाते हैं और मन पवित्र हो जाता है। व्यक्ति भगवन में लीं होकर अपने सभी पापों और पुण्यों से मुक्त हो जाता है।