बार एसोसिएशन Bar Association में रोष इसी बात को लेकर है कि पुलिस द्वारा एकतरफा कार्रवाई क्यों की गई है-
स्थानीय अदालत परिसर के गेट के पास वकील Advocate और पुलिसकर्मी Police Men के बीच हुआ विवाद अभी ठंडा नहीं पड़ा है। वकील के खिलाफ उसी दिन एफआइआर दर्ज हो गई थी, ऐसे में वकील भी पुलिसकर्मी के खिलाफ एफआइआर FIR दर्ज करवाने पर अड़े हैं।
बार एसोसिएशन Bar Association की ओर से साफ किया गया है कि जब तक एफआइआर दर्ज नहीं होगी, तब तक वर्क सस्पेंड भी जारी रहेगा। इस मामले में पुलिस अधीक्षक की ओर से बहादुरगढ़ के डीएसपी पवन कुमार DSP Pawan Kumar को जांच सौंपी गई है।
घटना के बाद से ही बार में वर्क सस्पेंड चल रहा है। शुक्रवार को तो जन्माष्टमी पर कोर्ट में छुट्टी रही, लेकिन शनिवार को फिर से वर्क सस्पेंड रहेगा। जाहिर है कि ऐसे में केसों की सुनवाई भी नहीं हो सकेगी।
बहादुरगढ़ बार एसोसिएशन के सचिव राजदीप छिल्लर का कहना है कि पुलिसकर्मी और वकील के बीच मारपीट हुई। घटना की जांच तो डीएसपी करेंगे, लेकिन वकील के साथ भी मारपीट की गई। इस तरह से पुलिसकर्मी द्वारा भी किसी पर हाथ उठाने का कोई अधिकार नहीं है। ऐसे में पुलिसकर्मी के खिलाफ भी स्वाभाविक रूप से एफआइआर दर्ज होनी चाहिए।
बार एसोसिएशन में रोष इसी बात को लेकर है कि पुलिस द्वारा एकतरफा कार्रवाई क्यों की गई है। गौरतलब है कि 16 अगस्त को कोर्ट परिसर के गेट के पास शहर थाना के हेड कांस्टेबल रामअवतार और बार के वकील दीपक वशिष्ठ के बीच झगड़ा हो गया था।
आक्रोशित वकीलों ने घटना के बाद वर्क सस्पेंड किया था। इससे केसों की सुनवाई भी लटकी हुई है। केसों की पैरवी के लिए कोर्ट में आने वाले लोग तारीख लेकर वापस लौट रहे हैं।