Author: JP
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने तीन दिन से जारी आंदोलन स्थगित करते हुए सोमवार से न्यायिक कार्य करने का निर्णय लिया
चीफ जस्टिस अरुण भंसाली के आश्वासन पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने सुनवाई के दौरान वकीलों के प्रति व्यवहार और परंपराओं के पालन सहित विभिन्न परेशानियों को लेकर तीन दिन से जारी आंदोलन स्थगित करते हुए सोमवार से न्यायिक कार्य करने का [more…]
IPC Sec 494 एक पत्नी के रहते दूसरी शादी करने पर दंड के मामले में CrPC Sec 198 अदालत को संज्ञान लेने से रोकती है – इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रिपल तलाक(तलाक -ए -बिद्दत) को लेकर बड़ा फैसला दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि तलाक ट्रिपल तलाक है या नहीं, तथ्य का विषय, ट्रायल कोर्ट में साक्ष्य लेकर तय होगा। दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के [more…]
LIVE IN RELATIONSHIP के मामले में किसी महिला के खिलाफ पति या उसके रिश्तेदारों की क्रूरता का दंडात्मक प्रावधान लागू नहीं होता-HC
लिव-इन रिलेशन LIVE IN RELATIONSHIP को लेकर उच्च न्यायलय ने एक अहम बयान दिया है। केरल उच्च न्यायलय KERALA HIGH COURT ने एक हालिया फैसले में कहा कि लिव इन रिलेशन LIVE IN RELATIONSHIP के मामले में किसी महिला के खिलाफ [more…]
“हम कानून बनाने का निर्देश नहीं दे सकते”: SC ने डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए निर्देश देने की दि. मेडि. एसो. की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया
उच्चतम न्यायालय SUPREME COURT ने आज दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन DELHI MEDICAL ASSOCIATION द्वारा संविधान के अनुच्छेद 32 ARTICLE 32 OF INDIAN CONSTITUTION के तहत दायर याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा के मामलों में [more…]
SC ने न्यायिक बैकलॉग से निपटने के लिए ग्राम न्यायालयों के कार्यान्वयन पर तत्काल कार्रवाई का आग्रह किया, जिससे घर के पास ही सस्ता और त्वरित न्याय उपलब्ध हो
उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि ‘ग्राम न्यायालय’ की स्थापना से नागरिकों को उनके घर के पास ही सस्ता और त्वरित न्याय उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी और निचली अदालतों में लंबित मामलों की संख्या में भी कमी आएगी। संसद द्वारा [more…]
जब कोई मध्यस्थ कार्यवाही के समय मौजूद कानून के आधार पर कोई निर्णय पारित करता है, तो उक्त निष्कर्षों को बाद के निर्णय के आधार पर स्पष्ट रूप से अवैध नहीं माना जा सकता – इलाहाबाद उच्च न्यायालय
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि जब कोई मध्यस्थ कार्यवाही के समय मौजूद कानून के आधार पर कोई निर्णय पारित करता है, तो उक्त निष्कर्षों को बाद के निर्णय के आधार पर स्पष्ट रूप से अवैध नहीं माना जा सकता। न्यायालय [more…]
HC ने सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय न्यायाधीशों के खिलाफ वकील द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले को उनकी बिना शर्त माफी मांगने के बाद खारिज दिया
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम.एफ. सलदान्हा और पी.बी. डी.सा के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला खारिज कर दिया, क्योंकि उन्होंने बिना शर्त माफी मांगी और मामले को आगे नहीं बढ़ाने का वचन दिया। यह मामला [more…]
सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार से बड़ा सवाल पूछा कि राज्य किसी व्यक्ति को बचाने की कोशिश क्यों कर रहा है
संदेशखली मामले में पश्चिम बंगाल में ममता सरकार को बड़ा झटका लगा ह। राशन घोटाले, यौन उत्पीड़न एवं भूमि हड़पने के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सुप्रीम [more…]
परित्याग बिना किसी उचित कारण के : सुप्रीम कोर्ट ने तलाक आदेश द्वारा विवाह को भंग कर दिया, पति-पत्नी को भरण-पोषण भत्ता के रूप में ₹30 लाख देने का निर्देश दिया
सर्वोच्च न्यायालय ने हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 13(1)(ib) के तहत तलाक का आदेश पारित किया है, क्योंकि पत्नी ने फिर से साथ रहने की इच्छा नहीं दिखाई और पति ने बिना किसी उचित कारण के पति को छोड़ दिया। [more…]
सुप्रीम कोर्ट ने एमएसीटी और श्रम न्यायालयों में बिना दावे के पड़ी मुवायजे की बड़ी रकम के मुद्दे का लिया स्वतः संज्ञान
सुप्रीम कोर्ट ने मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) और श्रम न्यायालयों में बिना दावे के पड़ी बड़ी रकम के मुद्दे को संबोधित करते हुए एक स्वत: संज्ञान रिट याचिका शुरू की है, जिससे लाभार्थियों को उनके मुआवजे से वंचित होना पड़ [more…]