Category: jplive24
छत्तीसगढ़ HC ने CrPC Sec 439 के तहत आरोपी के नियमित जमानत पर सुनवाई करते हुए BNSS 2023 का किया उल्लेख, ट्रायल कोर्ट को मामले पर तेजी से आगे बढ़ने का दिया निर्देश
जमानत आवेदन पर सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023 का हवाला दिया, जिसने 01.07.2024 से दंड प्रक्रिया संहिता की जगह लागू किया गया है। धारा 439 सीआरपीसी के तहत आरोपी ने नियमित जमानत के लिए [more…]
‘Aadhaar card नागरिकता और निवास का नहीं है प्रमाण’, UIDAI ने HC में बताया कि देश में वैध रूप से प्रवेश करने वाले गैर-निवासियों को भी मिल सकता है आधार कार्ड
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के तरफ से UIDAI का पक्ष रखने वाले वरिष्ठ वकील ने हाईकोर्ट में यह दलील दी कि आधार कार्ड किसी की नागरिकता या उसके निवास का प्रमाण पत्र नहीं हो सकता है। UIDAI ने यहां तक कहा [more…]
सुप्रीम कोर्ट की नौ न्यायाधीशों की पीठ अपने 1978 के निर्णय पर पुनर्विचार करेगी, जिसमें ‘आईडी एक्ट’, 1947 के तहत ‘उद्योग’ की परिभाषा की व्यापक व्याख्या की गई थी, जिससे अधिक लोगों के लिए श्रम अधिकारों का उच्चतर मानक सुनिश्चित हुआ
8 जुलाई 2024 को न्यायालय के कामकाज को फिर से शुरू करने के बाद, नए कार्यकाल में संविधान पीठ के पास इस मामले की सुनवाई होगी। 1978 में, सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की बेंच ने औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 (‘आईडी [more…]
“हमारे समाज में कोई भी माता-पिता अपनी बेटी की पवित्रता के बारे में उसकी प्रतिष्ठा को नुकसान नहीं पहुंचा सकता”: पटना HC ने बलात्कार मामले में दोषसिद्धि को बरकरार रखा
बलात्कार के मामले पर सुनवाई करते हुए पटना उच्च न्यायालय ने अपीलकर्ता की दोषसिद्धि को बरकरार रखा है, जबकि उसके इस तर्क को खारिज कर दिया है कि पीड़िता से विवाह करने के लिए उसे मजबूर करने के लिए झूठे आरोप [more…]
न्यायिक मजिस्ट्रेट ने कानून की अनिवार्य आवश्यकताओं का पालन किए बिना CrPC Sec 82 के तहत उक्त उद्घोषणा जारी करके अवैधानिकता की-HC
झारखंड उच्च न्यायालय ने एक न्यायिक मजिस्ट्रेट को निर्देश जारी किया जिसमें आदेश पारित करने से पहले सावधानीपूर्वक विचार करने के महत्व पर जोर दिया गया, तथा न्यायाधीश को रविवार और छुट्टियों के दिनों में प्रशिक्षण देने का सुझाव दिया गया। [more…]
बलात्कार के मामलों को मौद्रिक भुगतान के आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता, क्योंकि ऐसा करने से यह संकेत मिलेगा कि न्याय बिकाऊ है-HC
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि यौन हिंसा के आरोपों से जुड़े आपराधिक मामलों को मौद्रिक भुगतान के आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता। न्यायालय की यह टिप्पणी भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार) के तहत दर्ज एक प्राथमिकी [more…]
पासपोर्ट तभी अस्वीकार किया जा सकता है जब न्यायालय ने लंबित आपराधिक मामले का संज्ञान लिया हो: बॉम्बे हाईकोर्ट
HC ने पासपोर्ट अधिकारियों को प्रतिकूल पुलिस रिपोर्ट को नज़रअंदाज़ करते हुए आवेदन पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया बॉम्बे उच्च न्यायालय ने पासपोर्ट प्राधिकरण को एक व्यक्ति के पासपोर्ट आवेदन पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया, यह देखते हुए कि [more…]
वक्फ अधिनियम लागू होने से पहले सिविल कोर्ट में दायर मुकदमों पर वक्फ न्यायाधिकरण का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं : HC
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने पाया कि वक्फ अधिनियम, 1995 (अधिनियम) की धारा 7(5) के तहत, वक्फ न्यायाधिकरण के पास ऐसे मामलों पर अधिकार क्षेत्र नहीं है जो अधिनियम के लागू होने से पहले किसी सिविल न्यायालय में शुरू किए गए [more…]
मद्रास उच्च न्यायालय ने वक्फ संपत्ति बेदखली पर तमिलनाडु राज्य का 2010 का संशोधन को असंवैधानिक घोषित किया
मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत अधिभोगियों की बेदखली) संशोधन अधिनियम 33, 2010 को वक्फ अधिनियम, 1995 के अंतर्गत अमान्य घोषित किया है और इसलिए यह संविधान के विरुद्ध है। संशोधन ने तमिलनाडु वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी [more…]
सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाई कोर्ट द्वारा पीड़ित को जमानतदार बनाने की जमानत की शर्त पर रोक लगाते हुए कहा कि यह “बेतुकी शर्त” है
सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई जमानत की शर्त को “बेतुका” करार दिया है, जिसके तहत आरोपी को इस शर्त पर जमानत दी गई थी कि पीड़िता जमानतदारों में से एक होगी। उक्त शर्त के कारण आरोपी जेल में [more…]