दिल्ली HC ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देने पर केजरीवाल को कड़ी फटकार लगते हुए कहा कि इस्तीफा न देकर आप ने राष्ट्रहित से ऊपर निजी हित रखा

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हाईकोर्ट के जस्टिस मनमोहन ने सौरभ भारद्वाज को लेकर कहा कि उन्होंने छात्रों की दुर्दशा पर आंखें मूंद लीं हैं और वे घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं

दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देने पर शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल को कड़ी फटकार लगते हुए कहा कि गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा न देकर अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रहित से ऊपर निजी हित रखा हैं। अदालत ने दिल्ली में AAP के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उसे केवल सत्ता में दिलचस्पी है। दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था।

जानकारी हो की दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि नगर निगम की आपसी खींचतान के चलते एमसीडी के स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को अभी तक किताबें नहीं मिल पाई हैं और वे टिन शेड में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। इसको लेकर दिल्ली हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य जज मनमोहन और जस्टिस प्रीतम सिंह अरोड़ा की बेंच ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई।

हाईकोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लेकर कहा कि गिरफ्तारी के बावजूद इस्तीफा न देकर अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय हित के ऊपर निजी हितों को प्राथमिकता दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज को जमकर खरी-खरी सुनाई है।

दिल्ली सरकार की तरफ से पेश वकील शादान फरासत ने कहा कि उन्हें सौरभ भारद्वाज से निर्देश मिले हैं कि एमसीडी की स्थायी समिति की गैरमौजूदगी में किसी उपायुक्त प्राधिकारी को शक्तियां सौंपने के लिए मुख्यमंत्री की सहमति की जरूरत होगी, जो कि अभी हिरासत में हैं। इसको लेकर हाईकोर्ट के जस्टिस मनमोहन ने सौरभ भारद्वाज को लेकर कहा कि उन्होंने छात्रों की दुर्दशा पर आंखें मूंद लीं हैं और वे घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।

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दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार को लेकर कहा कि उन्हें कोई चिंता नहीं है कि छात्र स्कूल जा रहे हैं या नहीं। उनके पास किताबें नहीं हैं। उनकी दिलचस्पी सिर्फ सत्ता में हैं, यहां सत्ता का अहंकार अपने चरम पर है। कार्यवाहक चीफ जस्टिस मनमोहन ने कहा कि इसका मतलब यह नहीं कि छात्रों को किताबों के बिना ही पढ़ने के लिए ही छोड़ दिया जाए।

दिल्ली सरकार के वकील पर की दलीलों पर कोर्ट ने कहा कि आपने कहा था कि मुख्यमंत्री के हिरासत में होने के बावजूद सरकार चलती रहेगी, आप हमें उस रास्ते पर जाने पर मजबूर कर रहे हैं, जहां हम नहीं जाना चाहते हैं।

HC ने कहा कि हमने अपने सामने आई जनहित याचिकाओं में कई बार यह कहा है, लेकिन यह आपके प्रशासन का फैसला है। अगर आप चाहते हैं कि हम इस पर टिप्पणी करें, तो हम इस पर विचार करेंगे। जस्टिस मनमोहन ने कहा कि वह सौरभ भारद्वाज का नाम भी ऑर्डर में शामिल करेंगे।

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