Tag: COURT ORDER
हाईकोर्ट: तथ्य छिपाकर अपील दाखिल करने पर वकील पर लगाया रुपया एक लाख का जुर्माना-
Madhya Pradesh High Court मध्यप्रदेश उच्च न्यायलय ने तथ्य छिपाकर अपील दायर करने पर टीकमगढ़ निवासी अधिवक्ता निर्मल लोहिया पर रूपये एक लाख का जुर्माना लगाया। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि मलिमठ एवं न्यायमूर्ति पुरुषेन्द्र कौरव की खंडपीठ ने मध्य प्रदेश राज्य [more…]
बार काउंसिल अधिवक्ता कल्याण कोष में कथित रु 7.5 करोड़ से अधिक के घोटाले में सीबीआई ने दर्ज की प्राथमिकी-
Advocate Welfare Fund Scam – केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Beuro of Investigation) ने केरल बार काउंसिल अधिवक्ता कल्याण कोष स्टैम्प में हुए कथित घोटाले की जांच करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की है। इस घोटाले में कथित तौर पर 7.5 करोड़ [more…]
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि: जमानती अपराधों के मामलों में नहीं दी जा सकती है अग्रिम जमानत-
कोर्ट ने कहा कि याची पर गैर-जमानती अपराध करने का आरोप होना चाहिए, जो पहले से मौजूद तथ्यों से उपजा हुआ हो। याचिकाकर्ता के मन में उचित आशंका या विश्वास होना चाहिए कि उसे इस तरह के आरोप के आधार पर [more…]
मद्रास हाई कोर्ट ने कहा: लोग वीआईपी संस्कृति से ‘हाताश’ हो गए हैं, खासतौर पर मंदिरों में, श्रद्धालुओं को होती है परेशानी, जिससे वो दुखी होकर कोसते हैं-
न्यायमूर्ति ने सुनवाई के दौरान कहा कि भगवान अकेले “VIP” हैं। परिवार के सदस्यों के लिए होनी चाहिए लेकिन उनके रिश्तेदारों के लिए नहीं। कुछ लोग विशेष दर्शन के हकदार हैं इसका कोई तर्क नहीं हो सकता। मंदिर परिसरों को बंद [more…]
POCSO आरोपी मुवक्किलों को झूठे बयान देने की सलाह पर आरोपी ‘वकील’ के खिलाफ केस रद्द करने से हाई कोर्ट का इनकार, छह महीने कारावास की सजा बरकरार-
जबलपुर बेंच – मध्य प्रदेश हाई कोर्ट Jabalpur Bench Madhya Pradesh High Court ने हाल ही में एक वकील द्वारा दायर एक पुनरीक्षण याचिका को खारिज कर दिया, जिस पर बलात्कार के आरोपी मुवक्किलों और अभियोक्ता को पुलिस और अदालतों से [more…]
इलाहाबाद हाई कोर्ट: बिना सुनवाई GST निर्धारित कर ब्याज सहित पेनाल्टी वसूलना, नैसर्गिक न्याय का उल्लघंन, लगाया 10 हजार का हर्जाना-
Allahabad High Court इलाहाबाद हाईकोर्ट ने Goods and Service Tax के तहत टैक्स निर्धारण Tax Assessment और पेनाल्टी Penality लगाने से पहले सुनवाई का मौका न देने को नैसर्गिक न्याय का उल्लघंन माना है। साथ ही ब्याज सहित टैक्स और पेनाल्टी [more…]
सुप्रीम कोर्ट ने कहा: अदालतों को किसी मामले के सभी मुद्दों पर न्यायिक निर्णय देना चाहिए न कि सिर्फ एक मुद्दे पर-
सर्वोच्च न्यायलय ने मंगलवार एक मामले कि सुनवाई करते हुए निचली अदालतों को आगाह किया कि मामलों का फैसला करने में शॉर्टकट की मानसिकता से बचें। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि निचली अदालतो द्वारा [more…]
सुप्रीम कोर्ट: कोर्ट द्वारा आरोपी के बरी होने का ये अर्थ नहीं कि नियोक्ता आप पर अनुशासनात्मक कार्यवाही नहीं कर सकता-
शीर्ष अदालत ने 29 नवंबर, 2017 को कर्नाटक उच्च न्यायलय की कलबुर्गी पीठ के एक फैसले के खिलाफ कर्नाटक सरकार द्वारा अपील को स्वीकार करते हुए यह टिप्पणी की। कर्नाटक उच्च न्यायलय ने बीजापुर जिले के एक ग्राम लेखाकार उमेश की [more…]
काम करने के दौरान तनाव के कारण हुई मौत पर एम्लॉयर को मुआयजा देना ही पड़ेगा: बॉम्बे हाईकोर्ट
Bombay High Court बॉम्बे उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक नियोक्ता (Employer) को एक ट्रक ड्राइवर के परिजनों को Compensation मुआवजा देने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि काम करने के दौरान तनाव के कारण अंततः ट्रक ड्राइवर की [more…]
महिला के अंडरपैंट पर पुरुष अंग को रगड़ना भी रेप के समान, हाई कोर्ट ने दिया फैसला-
मेघालय हाई कोर्ट (Meghalaya High Court) की बेंच ने कहा कि अंडरपैंट पहनी महिला के प्राइवेट पार्ट के ऊपर पुरुष के अंग की कोई भी हरकत उसे सजा दिलाने के लिए काफी है। खासकर महिला के प्राइवेट पार्ट पर कुछ भी [more…]