Tag: COURT ORDER
जमानत देते समय अदालत के लिए विस्तृत कारण बताना जरूरी नहीं-
पीठ ने कहा हमें अधिवक्ताओं की भी रक्षा करनी है- Supreme Court सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि जमानत देते समय कोर्ट के लिए विस्तृत कारण बताना जरूरी नहीं है, खासकर तब जब मामला प्रारंभिक चरण में हो और आरोपित [more…]
Punjab and Haryana High Court order for setting ‘SIT’ for investigating Big “ECHS SCAM”-
A FIR has been lodged by the Army authorities under Sections 420, 465, 467, 468, 471, 120-B IPC at Amritsar Cantonment police station against 25 persons, including 15 doctors of various hospitals where, after investigation, the case against the doctors/ hospitals [more…]
सुप्रीम कोर्ट: हाईकोर्ट Article 226 के तहत बैंक को कर्जदार को OTS देने का निर्देश देने वाला आदेश नहीं कर सकता पारित-
Supreme Court सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि हाई कोर्ट संविधान के अनुच्छेद 226 Article 226 of Indian Constitution के तहत किसी वित्तीय संस्थान/बैंक को कर्जदार को सकारात्मक तरीके से एकमुश्त निपटान (ओटीएस) का लाभ देने का निर्देश देने वाला [more…]
दिल्ली उच्च न्यायालय: क्या पत्नी पति के ही घर में निवास करते हुए भी धारा 125 CrPC में भरण-पोषण की माँग कर सकती है?
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को एक याचिका में नोटिस जारी किया जिसमें यह मुद्दा उठाया गया था कि क्या अपने पति के साथ अपने घर में रहने वाली पत्नी आपराधिक प्रक्रिया संहिता (क्रिमिनल प्रोसीजर कोड) की धारा 125 के तहत [more…]
जस्टिस पुष्पा वी.गनेडीवाला: ‘स्किन-टु-स्किन कॉन्टैक्ट’ वाला फैसला देने वाली नहीं बनेंगी स्थायी जज, SC कॉलेजियम का फैसला, रुका प्रमोशन-
18 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बच्चों के खिलाफ यौन अपराध के लिए स्किन टू स्किन कॉन्टेक्ट जरूरी नहीं है. स्किन टू स्किन कॉन्टेक्ट के बिना बच्चों के नाजुक अंगों को छूना POCSO Act के तहत यौन शोषण [more…]
NDPS ACT: निजी तलाशी के दौरान धारा 50 का पालन नहीं करने से वाहन से हुई बरामदगी अमान्य नहीं हो जाती-
SUPREME COURT सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आरोपी की निजी तलाशी के दौरान नशीला पदार्थ अधिनियम (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act, 1985 ) की धारा 50 का पालन नहीं करने के कारण वाहन से हुई बरामदगी अमान्य नहीं हो [more…]
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर पत्नी के खिलाफ व्यभिचार के आरोप साबित हो जाते हैं तो वह भरण-पोषण की हकदार नहीं-
व्यभिचार( adultery) के आधार पर पत्नी या पति कोई भी एक दूसरे से तलाक ले सकता है। लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई पर फैसला सुनाते हुए कहा की अगर पति अपनी पत्नी को व्यभिचार( adultery) के कारण तलाक [more…]
सुप्रीम कोर्ट से चार धाम परियोजना को मिली मंजूरी, जानिए क्या था विवाद-
सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर चारधाम परियोजना के तहत बन रही सड़कों को ‘डबल लेन’ तक चौड़ा करने की इजाज़त दे दी है. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की सदारत वाली पीठ ने मंगलवार को यह फैसला सुनाते हुए चारधाम [more…]
सुप्रीम कोर्ट ने माना कि एनआई अधिनियम की धारा 138 उन मामलों पर भी लागू होती है जहां चेक आहरण के बाद और प्रस्तुति से पहले ऋण लिया जाता है-
“केवल चेक को एक प्रतिभूति सेकुएरिटी के रूप में प्रस्तुत करने मात्र से कानूनी रूप से लागू करने योग्य ऋण या देयता को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किए गए एक इंस्ट्रूमेंट के रूप में इसके चरित्र को खत्म नहीं किया [more…]
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से बताया कि अपराध तय करते वक्त अदालतों को किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि अदालतों का कर्तव्य है कि वे न सिर्फ अपराध बल्कि अपराधी, उसकी मानसिक स्थिति और उसकी सामाजिक आर्थिक स्थितियों को भी ध्यान में रखें. न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि [more…]