Informative

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर पत्नी के खिलाफ व्यभिचार के आरोप साबित हो जाते हैं तो वह भरण-पोषण की हकदार नहीं-

व्यभिचार( adultery)  के आधार पर पत्नी या पति कोई भी एक दूसरे से तलाक ले सकता है। लेकिन  बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई पर फैसला सुनाते हुए कहा की अगर पति अपनी पत्नी  को  व्यभिचार( adultery)  के कारण तलाक [more…]

Informative

सुप्रीम कोर्ट से चार धाम परियोजना को मिली मंजूरी, जानिए क्या था विवाद-

सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर चारधाम परियोजना के तहत बन रही सड़कों को ‘डबल लेन’ तक चौड़ा करने की इजाज़त दे दी है. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की सदारत वाली पीठ ने मंगलवार को यह फैसला सुनाते हुए चारधाम [more…]

Corporate Matters

सुप्रीम कोर्ट ने माना कि एनआई अधिनियम की धारा 138 उन मामलों पर भी लागू होती है जहां चेक आहरण के बाद और प्रस्तुति से पहले ऋण लिया जाता है-

“केवल चेक को एक प्रतिभूति सेकुएरिटी के रूप में प्रस्तुत करने मात्र से कानूनी रूप से लागू करने योग्य ऋण या देयता को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किए गए एक इंस्ट्रूमेंट के रूप में इसके चरित्र को खत्म नहीं किया [more…]

Informative

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से बताया कि अपराध तय करते वक्त अदालतों को किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?

सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि अदालतों का कर्तव्य है कि वे न सिर्फ अपराध बल्कि अपराधी, उसकी मानसिक स्थिति और उसकी सामाजिक आर्थिक स्थितियों को भी ध्यान में रखें. न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि [more…]

Informative

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा निर्णय : दो भाई-बहनों व एक भतीजे के हत्यारे के फांसी की सजा को उम्रकैद में बदली-

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि दोषी ने नृशंस अपराध किया है। लेकिन राज्य सरकार ने यह नहीं बताया कि आरोपी के सुधार की गुंजाइश नहीं है। याची ने अपराध किया है लेकिन वह दुर्दांत अपराधी [more…]

Informative

सुप्रीम कोर्ट: चार्जशीट दाखिल करने के बाद भी Anticipatory Bail लेने से नहीं रोका जा सकता-

सुप्रीम कोर्ट ने कहा की चार्जशीट दाखिल करने के बाद आत्मसमर्पण करने और नियमित जमानत के लिए आवेदन करने का विकल्प होने से पक्षकारों को अग्रिम जमानत लेने से नहीं रोका जा सकता सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चार्जशीट दाखिल करने [more…]

Informative

हाईकोर्ट: किसी व्यक्ति को “भगौड़ा” घोषित करने से पहले अदालत की संतुष्टि और धारा 82 के प्रावधानों का पालन जरूरी-

दिल्ली उच्च न्यायलय ने स्पष्ट किया कि किसी भी व्यक्ति को “घोषित अपराधी” घोषित करने से पहले संबंधित अदालत को यह देखना जरूरी है कि जिस व्यक्ति के खिलाफ वारंट जारी किया गया था वह कैसे फरार हो गया। यह देखना [more…]

Informative

केरल उच्च न्यायलय की बेंच ने नाबालिग को प्रेग्नेंट करने वाले बलात्कारी पादरी की सजा को कर दिया आधा-

केरल उच्च न्यायलय का अंतरात्मा को झकझोरने वाला न्याय जिसे पढ़ तिलमिला जायेंगे आप– केरल उच्च न्यायालय ने बुधवार को अंतरात्मा को झकझोरने वाले कुख्यात कोट्टियूर बलात्कार मामले में पूर्व पादरी रॉबिन मैथ्यू वडक्कुमचेरी पर लगाई गई सजा को 20 वर्ष [more…]

Informative

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने निरस्त किया मिर्जापुर के निर्माताओं, निर्देशकों, लेखकों के खिलाफ एफ़आईआर-

Web Series MIRZAPUR मिर्जापुर के निर्माता फरहान अखर और रितेश सिधवानी के खिलाफ वेब सीरीज में उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर शहर के चित्रण के माध्यम से धार्मिक, सामाजिक और क्षेत्रीय भावनाओं को आहत करने के आरोप में उनके खिलाफ एक दर्ज [more…]

Informative

पारिवारिक अंतर विरोध के कारण शादी नही हुआ, बलात्कार के लिए आदमी को सजा नही दी जा सकती: कलकत्ता उच्च न्यायालय

हाई कोर्ट द्वारा उस व्यक्ति को बरी कर दिया, जिसे सत्र न्यायालय द्वारा बलात्कार के लिए दोषी ठहराया गया था और 10 साल के कारावास और 50,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय [more…]