शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को बाजार नियामक सेबी से कहा कि वह एनडीटीवी के प्रवर्तकों प्रणव राय और राधिका राय के खिलाफ कुछ ऋण समझौतों में शेयरधारकों से जानकारी छुपाकर प्रतिभूति मानदंडों के कथित उल्लंघन से संबंधित मामले में तीन सितंबर तक कोई दंडात्मक कार्रवाई न करे, जब वह उनकी याचिका पर सुनवाई करेगा।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ से अनुरोध किया था कि एनडीटीवी के प्रवर्तकों की याचिका पर सुनवाई अगले शुक्रवार तक के लिए टाल दी जाए।
पीठ ने सेबी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, ‘‘हम मामले को टाल देंगे, लेकिन (तब तक) कोई दंडात्मक कार्रवाई न कीजिए।’’
पीठ ने रॉय की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (SAT) में एनडीटीवी के प्रवर्तकों की अपील पर सुनवाई की स्थिति के बारे में पूछताछ की।
रोहतगी ने कहा कि न्यायाधिकरण के तीसरे सदस्य के न होने से अपील पर सुनवाई अटकी हुई है। उन्होंने कहा कि अब जुर्माना लगाने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
इससे पहले न्यायालय ने 15 फरवरी को रॉय को राहत देते हुए सैट को बाजार नियामक सेबी के आदेश के खिलाफ उनकी अपील पर सुनवाई के लिये जुर्माने की आधी राशि जमा करने की पूर्व शर्त पर जोर नहीं देने का निर्देश दिया था।
एनडीटीवी के प्रवर्तकों ने सैट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें अपील में आने से पहले कथित रूप से गलत तरीके से अर्जित लाभ का एक हिस्सा जमा करने को कहा गया है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अपनी जांच में पाया कि एनडीटीवी के इन दोनों प्रवर्तकों ने गलत तरीके से लाभ कमाया है।(भाषा)