Category: Informative
शादी का अपूरणीय विच्छेद अनुच्छेद 142 के तहत तलाक का सीधा-सीधा फॉर्मूला नहीं’- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विवाह में रहना एक पवित्र और अमूल्य भावनात्मक जीवन-जाल है
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने कहा है कि शादी के अपूरणीय टूटने के आधार पर तलाक हमेशा वांछनीय नहीं होता है, खासकर भारत में। उस संदर्भ में, न्यायालय ने कहा कि “अदालतों [more…]
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17A भ्रष्ट लोगों के छिपने की छतरी नहीं : आंध्र प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा
आंध्र प्रदेश सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू का भ्रष्टाचार के मामलों की जांच से पहले पूर्वानुमति को अनिवार्य बनाने वाले प्रावधान के तहत सुरक्षा का दावा अस्वीकार्य है क्योंकि [more…]
केवल कंपनी में आरोपी व्यक्ति के पदनाम का उल्लेख करना धारा 141 NI Act के तहत अपराध को आकर्षित करने के लिए पर्याप्त नहीं है : HC
दिल्ली उच्च न्यायालय ने नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट (एनआई एक्ट) की धारा 138 के तहत दर्ज एक मामले में एक प्रैक्टिसिंग वकील के खिलाफ जारी समन आदेश को रद्द कर दिया है, जिसे आरोपी कंपनी के अतिरिक्त/गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में तलब [more…]
दिल्ली उच्च न्यायालय : तात्कालिक घटना में बिना पूर्वचिन्तन के आईपीसी की धारा 308 लागू नहीं होती
दिल्ली उच्च न्यायालय ने हमले के एक मामले में एक व्यक्ति की सजा को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 308 से आईपीसी की धारा 323 में स्थानांतरित कर दिया है। यह परिवर्तन इसलिए किया गया क्योंकि अदालत ने निर्धारित किया [more…]
HC की लखनऊ खंडपीठ का आजमगढ़ फर्जी मदरसा मामले में बड़ा फैसला, खारिज की FIR रद करने की याचिका
आजमगढ़ फर्जी मदरसा प्रकरण मामले में लखनऊ खंडपीठ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला करते हुए एसआइटी रिपोर्ट व एफआइआर को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। ज्ञात हो कि मामला 313 मदरसों में धांधली 39 के मौजूद ही [more…]
पत्नी को बीमार पति का अभिभावक नियुक्त करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि वह अपने पति की ओर से निर्णय लेने की अधिकारी होगी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि अगर पति अस्वस्थ और गंभीर हालत में है तो पत्नी बतौर अभिभावक काम कर सकती है। बशर्ते पति और बच्चों का हित उसमें निहित हो। संक्षिप्त तथ्य- याची ने कोर्ट के समक्ष गुहार लगाई थी कि [more…]
रिश्वतखोरी पर सांसदों, विधायकों को अभियोजन से छूट है ? सुप्रीम कोर्ट ने 1998 के निर्णय पर पुनर्विचार कर फैसला सुरक्षित रखा
वर्ष 1998 में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने पी वी नरसिंह राव बनाम केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) मामले में दिए गए अपने बहुमत के फैसले में कहा था कि सांसदों को संविधान के अनुच्छेद 105 (2) और अनुच्छेद 194 के [more…]
याचिका के साथ फर्जी कोर्ट आदेश किया गया पेश, सुप्रीम कोर्ट ने दिया आपराधिक जांच का निर्देश, कहा- वकील की भूमिका की भी की जाये जांच
सुप्रीम कोर्ट Supreme Court में याचिका के साथ फर्जी कोर्ट आदेश किया गया पेश। सुप्रीम कोर्ट को संदेह हुआ कि ये आदेश फर्जी है, तुरंत कोर्ट ने आपराधिक जांच के आदेश दे दिए। कोर्ट ने कहा कि रजिस्ट्रार की से यह [more…]
विवाह विच्छेद के आधार पर पारिवारिक कोर्ट तलाक का आदेश नहीं दे सकता: हाई कोर्ट
हाईकोर्ट ने कहा कि फैमिली कोर्ट को हिंदू विवाह अधिनियम Hindu Marriage Act के तहत तलाक से जुड़े प्रावधानों के अनुसार आदेश देना चाहिए। दिल्ली उच्च न्यायलय Delhi High Court ने स्पष्ट किया कि पारिवारिक अदालतें Family Court शादी के अपूरणीय [more…]
आपराधिक पृष्ठभूमि वाले कानून निर्माता देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था पर गंभीर प्रभाव डाल रहे हैं: संसदीय छूट पर सुप्रीम कोर्ट में वकील की बहस
एक वरिष्ठ वकील ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों का संसद और राज्य विधानसभाओं में प्रवेश करना और कानून बनाना देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है। शीर्ष अदालत में संसदीय प्रतिरक्षा [more…]