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रेप के आरोपी शख्स को, सुप्रीम कोर्ट ने दी अग्रिम जमानत, जिसने शादी का झूठा वादा किया था
सुप्रीम कोर्ट ने एक महिला से शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी शख्स को अग्रिम जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की खंडपीठ ने प्रथम सूचना रिपोर्ट में मुखबिर द्वारा किए गए [more…]
सत्र न्यायाधीश के पास धारा 228 (1) (ए) CrPC के तहत CJM को मामला स्थानांतरित करने से पहले आरोप तय करने का अधिकार नहीं है, अगर मामला विशेष रूप से उनके द्वारा विचारणीय नहीं है: HC
न्यायालय ने पाया कि “सदस्यता” और “हस्ताक्षरित” शब्द जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में परस्पर विनिमय के लिए इस्तेमाल किए गए थे और इसलिए, उस संदर्भ में न्यायालय आया निष्कर्ष निकाला कि जब विधायिका ने “सब्सक्राइब्ड” शब्द का इस्तेमाल किया तो उसका इरादा [more…]
घटना के 18 वर्ष बाद पता चला कि दोषी उस दौरान नाबालिग था, हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा को किया ख़ारिज
1999 में हुए हत्याकांड के एक मामले में वर्ष 2004 में दोषी को सुनाई गई उम्रकैद के कारावास की सजा को दिल्ली उच्च न्यायलय ने 18 वर्ष बाद रद्द कर दिया। अपीलकर्ता ने घटना के दौरान नाबालिग होने की दलील दी [more…]
EVM खराब होने की झूठी शिकायत करने वाले मतदाता को इसके परिणाम से अवगत होना चाहिए: SC
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि ईवीएम में खराबी के बारे में “झूठा बयान” देने वाले व्यक्ति को “परिणाम पता होना चाहिए” क्योंकि इससे चुनावी प्रक्रिया ठप हो जाती है। यह एक ईवीएम की खराबी से संबंधित एक चुनाव नियम [more…]
दुर्भाग्यपूर्ण मामला जब सामाजिक बंधन और ताने-बाने अविश्वास में बदल जाते है: SC ने Article 142 के अधिकार में युगल को वैवाहिक बंधन से मुक्त किया
सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत शक्ति का प्रयोग करते हुए एक जोड़े को आपसी सहमति से तलाक की डिक्री दी है। तलाक की डिक्री देते हुए, न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने [more…]
इलाहाबाद HC: अदालत को गुमराह करने और अभियुक्त के पक्ष में अनुकूल आदेश प्राप्त करने के लिए अधिवक्ता को नोटिस दे अवमानना की कार्यवाही शुरू की
इलाहाबाद उच्च न्यायालय लखनऊ बेंच ने अभियुक्त के पक्ष में अनुकूल आदेश प्राप्त करने के लिए एक अन्य पीठ द्वारा जमानत की अस्वीकृति के भौतिक तथ्य को छुपाकर अदालत के साथ धोखाधड़ी करने के आरोपी एक अधिवक्ता को कारण बताओ नोटिस [more…]
जमानत पर फैसला करते समय अदालतों को व्यक्तिगत स्वतंत्रता और समाज के बड़े हित के बीच संतुलन बनाना जरूरी : हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने हाल ही में देखा कि जमानत के सवाल का फैसला करते समय, अदालतों को व्यक्तिगत स्वतंत्रता और समाज के व्यापक हित के बीच एक नाजुक संतुलन बनाए रखना चाहिए। जस्टिस वीरेंद्र सिंह की बेंच ने कहा- [more…]
फरार/घोषित अपराधी वाले व्यक्ति को अग्रिम जमानत नहीं – इलाहाबाद उच्च न्यायालय
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक एक मामले की सुनवाई के समय पाया कि सीआरपीसी की धारा 82 के तहत भगोड़ा या घोषित अपराधी घोषित व्यक्ति अग्रिम जमानत के लाभ का हकदार नहीं है। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार गुप्ता ने उस आवेदक की [more…]
हत्या के केस में – सिर की चोट महत्वपूर्ण, सिर्फ फ्रैक्चर नहीं होने से मामला SEC 302 IPC से बाहर नहीं किया सकता: सुप्रीम कोर्ट
सर्वोच्च न्यायलय SUPREME COURT ने एक मामले में हत्या के आरोपी को दोषी ठहराते हुए कहा कि केवल यह तथ्य कि कोई फ्रैक्चर नहीं देखा और/ या पाया नहीं गया था, मामले को इंडियन पीनल कोड IPC की धारा 302 से [more…]
‘फाइल ऑर्डरशीट’ से विदित है कि न्यायिक कार्यों के निर्वहन में उन्हें अनुचित कार्य करने की ‘आदत’ है: इलाहाबाद HC ने जिला न्यायाधीश, वाराणसी को किया तलब
इस न्यायालय के समक्ष ‘अनुच्छेद 227’ नंबर 7629 2021 के तहत मामला दायर किया गया था और जिला जज से रिपोर्ट तलब की गई थी इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सामान्य प्रक्रिया से हटकर वाराणसी के जिला न्यायाधीश को पीठ द्वारा निर्धारित [more…]