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श्रमिकों को बिना किसी गलती के गलत तरीके से रोजगार देने से इनकार करने का मामला: शीर्ष अदालत ने वेतन पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली कंपनी की याचिका को किया खारिज
सुप्रीम कोर्ट Supreme Court ने एक कंपनी द्वारा अपने कर्मचारियों के वेतन पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली एक अपील पर विचार करने से इनकार कर दिया और कहा कि यह श्रमिकों की गलती के बिना रोजगार से गलत तरीके [more…]
सीआरपीसी की धारा 173(2) का अनुपालन न करना: कई कानूनी मुद्दों को जन्म देता है: सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस रिपोर्ट प्रक्रिया पर दिशानिर्देश जारी किए
सुप्रीम कोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 173(2) के तहत पुलिस रिपोर्ट जमा करने की प्रक्रिया का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया। यह मानते हुए कि इसका अनुपालन न करना कई कानूनी मुद्दों को जन्म देता है। उक्त निर्देश झारखंड [more…]
राज्य के आपत्ति जताने भर से ही आरोपी व्यक्ति के अंतरिम जमानत को रोक नहीं सकते, जानें सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसा क्यों कहा?
देश के शीर्ष अदालत ने हाल ही में एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि यदि राज्य द्वारा अग्रिम जमानत देने पर आपत्ति लगाई जाती है तो भी किसी आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इंकार नहीं किया जा सकता [more…]
अक्सर अदालतों की कार्रवाई वकीलों की बीमारी के बहाने से बढ़ती है, जो आमतौर पर सही नहीं होती हैं – हाईकोर्ट
अक्सर अदालतों की कानूनी प्रक्रियाएं लंबी होती है. इसकी एक वजह सुनवाई को कई बार टालना भी होता है. टालने से मामले में लंबी तारीख मिलती हैं. सुनवाई टालने के इस विषय पर केरल हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है. कोर्ट [more…]
SC ने FIR को रद्द करने के संबंध में HC द्वारा CrPC की धारा 482 के तहत क्षेत्राधिकार के प्रयोग को नियंत्रित करने वाले सिद्धांतों की व्याख्या की
सुप्रीम कोर्ट द्वारा एफआईआर FIR को रद्द करने के संबंध में दाखिल मामले की सुनवाई में हाईकोर्ट द्वारा सीआरपीसी की धारा 482 के तहत क्षेत्राधिकार के प्रयोग को नियंत्रित करने वाले सिद्धांतों की विस्तृत व्याख्या की। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति [more…]
एक व्यक्ति जो समझौता डिक्री में पक्षकार नहीं था, वह समझौता डिक्री को रद्द करने के लिए स्वतंत्र मुकदमा दायर करने का हकदार है: HC
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने माना कि एक व्यक्ति जो समझौता डिक्री में पक्षकार नहीं था, वह समझौता डिक्री को रद्द करने के लिए एक स्वतंत्र मुकदमा दायर करने का हकदार है। वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ सिविल प्रक्रिया संहिता [more…]
लोक अदालत ने बनाया कीर्तिमान, एक दिन में एक लाख 72 हजार से अधिक वादों का निस्तारण करके, वसूला रुपया 3428.67 करोड़ जुर्माना
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने सभी जिला न्यायालय परिसरों, दिल्ली उच्च न्यायालय, स्थायी लोक अदालतों, ऋण वसूली ट्रिब्यूनल, राज्य उपभोक्ता आयोग एवं जिला उपभोक्ता आयोग में शनिवार को साल 2024 की पहली राष्ट्रीय [more…]
सुप्रीम कोर्ट ने “जानबूझकर आज्ञा का उल्लंघन” करने पर स्टेट बैंक को लगाई फटकार, अवमानना कार्रवाई की दी चेतावनी
चुनावी बॉन्ड ELECTORAL BOND के मामले में सुप्रीम कोर्ट SUPREME COURT ने सोमवार को पिछले महीने के आदेश की “जानबूझकर आज्ञा का उल्लंघन” करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक को कड़ी फटकार लगाई। चुनावी बॉन्ड के दाताओं और प्राप्तकर्ताओं के बारे [more…]
पासपोर्ट अधिनियम की धारा 6 के तहत ‘कार्यवाही’ का मतलब केवल आरोप पत्र दाखिल करने और संज्ञान लेने के बाद दर्ज किया गया आपराधिक मामला नहीं है: HC
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि पासपोर्ट अधिनियम, 1967 की धारा 6 के तहत, ‘कार्यवाही’ शब्द का अर्थ केवल आरोप पत्र प्रस्तुत करने और संज्ञान लेने के बाद दर्ज किया गया आपराधिक मामला नहीं है। अदालत एक महिला द्वारा दायर रिट [more…]
आईपीसी की धारा 498A के तहत आपराधिक मामले में महज बरी हो जाना तलाक का आधार नहीं हो सकता – दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि पत्नी द्वारा आईपीसी की धारा 498ए के तहत दायर आपराधिक मामले में महज बरी होना पति को तलाक देने का आधार नहीं है। अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि एक आपराधिक मामले में [more…]