Tag: COURT ORDER
कोर्ट रीडर बन गया जज, फर्जी हस्ताक्षर कर 6 केसों में दिया जजमेंट-
कोर्ट रीडर पर मुकदमा दर्ज किया गया गिरफ्तार, निष्पक्ष जांच की मांग, अन्यथा वकील समुदाय करेगा आंदोलन राजस्थान के जयपुर अतिरिक्त संभागीय आयुक्त न्यायालय में कोर्ट रीडर मुकेश कुमार ने अतिरिक्त संभागीय आयुक्त के फर्जी हस्ताक्षर करके जाली कागजात बनाकर जजमेंट [more…]
7800 करोड़ रोटोमैक ग्लोबल कंपनी बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी राहुल कोठारी को हाईकोर्ट ने दी जमानत-
रोटोमैक ग्लोबल कंपनी द्वारा किये गए बैंक घोटालों के मुख्य आरोपी रोटोमैक ग्लोबल कंपनी कानपुर (Rotomac Global Company Kanpur) के मालिक राहुल कोठारी (Rahul Kothari) को इलाहाबाद उच्च न्यायलय से मिली बड़ी राहत मिली है. जस्टिस ओम प्रकाश सप्तम की एकल [more…]
सेक्स एक्सटॉर्शन पर हाईकोर्ट सख्त: टेलीकॉम ऑपरेटर्स को ये सख्त आदेश, पुलिस को लगाई फटकार कहा कि पैन इंडिया के तहत प्राथमिकी दर्ज करें-
Patna High Court पटना उच्च न्यायलय ने लोगों के साथ अश्लील बातें कर उनसे पैसों की उगाही करने के मामले में साइबर अपराधियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि पैन इंडिया के तहत [more…]
पटना हाई कोर्ट ने थानेदारों को 21 लाख धोखाधड़ी मामले में दी चेतावनी, कहा साइबर क्राइम का केस दर्ज नहीं किया तो होगी कार्रवाई-
नोटिस में थानेदार से पूछा गया है कि सूचना देने के बावजूद थाने में प्राथमिकी क्यों दर्ज नहीं की गई। हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार के टेलीकाम विभाग के सचिव के जरिए प्रतिवादी बनाने का आदेश दिया है। Cyber Crime साइबर [more…]
पत्नी का ‘चूड़ी-सिंदूर’ आदि वैवाहिक चिन्हों व् वस्त्रों का न पहनने का सीधा अर्थ है कि उसे शादी मंजूर नहीं: हाई कोर्ट
बेंच ने कहा, ‘प्रतिवादी का इस तरह का स्पष्ट रुख उसके स्पष्ट इरादे की ओर इशारा करता है कि वह अपीलार्थी के साथ अपने वैवाहिक जीवन को जारी रखने के लिए तैयार नहीं है. ऐसी परिस्थितियों में अपीलकर्ता पति का प्रतिवादी [more…]
केवल प्रतिशोध में FIR दर्ज होना, धारा 482 CrPC के तहत प्राथमिकी को रद्द करने का आधार नहीं हो सकता: उच्च न्यायालय
आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने हाल ही में दिए अपने निर्णय में कहा कि केवल प्रतिशोध में FIR दर्ज होना, धारा 482 सीआरपीसी के तहत प्राथमिकी को रद्द करने का आधार नहीं हो सकता। न्यायमूर्ति चीकाती मानवेंद्रनाथ रॉय की बेंच के [more…]
उच्चतम बोली लगाने वाले को अपने पक्ष में नीलामी संपन्न कराने का कोई निहित अधिकार नहीं है: सुप्रीम कोर्ट
न्यायालय मौलिक अधिकारों के संरक्षक होने के नाते जहां मनमानी, तर्कहीनता, अतार्किकता, दुर्भावना और पूर्वाग्रह, यदि कोई हो, हस्तक्षेप करने के लिए बाध्य हैं, लेकिन साथ ही, न्यायालयों को बहुत संयम के साथ न्यायिक समीक्षा की शक्ति का प्रयोग करना चाहिए [more…]
सुप्रीम कोर्ट: गवाही सिर्फ इस आधार पर दरकिनार नहीं की जा सकती कि चश्मदीद ने बचाने का प्रयास नहीं किया-
Supreme Court उच्चतम न्यायालय ने 2004 में छत्तीसगढ़ के दुर्ग में दिनदहाड़े एक लड़की की चाकू मारकर हत्या करने के मामले में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायलय के फैसले को बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने दोषी को राहत देने से इनकार करते [more…]
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय: हत्या के मामले में उच्च न्यायलय के फैसले को पलट, आजीवन कारावास सजा को किया बरकरार-
Supreme Court सर्वोच्च अदालत ने कहा कि गवाहों के सबूतों को केवल इस आधार पर नकारा नहीं किया जा सकता है कि वे मृतक के रिश्तेदार थे। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तेलंगाना & आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के फैसले को [more…]
सुप्रीम कोर्ट: इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को रद्द करते हुए कहा कि सिविल मामले को आपराधिक रंग देना प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा-
SUPREME COURT सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुकदमे के लंबित रहने के दौरान बिक्री विलेख का निष्पादन ‘लिस पेंडेंस’ के सिद्धांत ( Sale of the property is hit by the Doctrine of ‘Lis Pendens’ ) को आकर्षित कर सकता है। SUPREME [more…]